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समाज में स्तन कैंसर एक जटिल समस्या है, जागरुकता जरूरी है: डॉ.नीलम सिंह

स्तन कैंसर जागरूकता माह के अवसर पर संगोष्ठी संपन्न


 लखनऊ ब्रेस्ट कैंसर सपोर्ट ग्रुप द्वारा ब्रेस्ट कैंसर सर्वाइवर को दिखाई जायेगी फिल्म

लखनऊ। आईसीएमआर की रिपोर्ट बताती है कि वर्ष 2018 में 162468 केस स्तन कैंसर के थे, जिनमें से 87090 महिलाओं की मौत हो चुकी है। वर्ष 2021 में लगभग  17 लाख स्तन कैंसर के केस पाये जाने की संभावना है। स्तन कैंसर समाज में बड़ी समस्या बन रही है। यह बात शनिवार को केजीएमयू के ब्राउन हाल में इंडोक्राइन सर्जरी विभाग व वात्सल्य संस्था के संयुक्त तत्वाधान में स्तन कैंसर जागरूकता कार्यशाला में वात्सल्य की डॉ.नीलम सिंह ने कही।

खुद से पहचान की जागरूकता होनी चाहिए : डॉ विपिन पूरी


ब्राउन हाल में स्तन कैंसर जागरूकता माह अंतर्गत आयोजित कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए कुलपति ले.ज.डॉ.विपिन पुरी ने कहा कि यह मुद्दा केवल भारत का नही है, बल्कि दुनिया में तमाम देशों में बड़ी समस्या बन चुका है। इसकी रोकथाम के लिए सेल्फ डायग्नोसिस के तरीकों को लेकर जागरूकता की नितांत आवश्यकता है।  

पुरुषों में भी होता है स्तन कैंसर : डॉ आनंद मिश्र

एंडोक्राइन सर्जरी विभागाध्यक्ष प्रो.आनन्द मिश्र ने बताया कि स्तन कैंसर केवल महिलाओं की समस्या नही है बल्कि पुरुषों में भी होती है। जिनके परिवार में किसी पुरुष को स्तन कैंसर होने का इतिहास है, उनके परिवार में स्तन कैंसर की संभावनाएं अधिक होती है। इसलिए, स्तन कैंसर के लक्षणों को नजरअंदाज नही करना चाहिये। उन्होंने बताया कि कल, रविवार को गोमतीनगर फन मॉल में लखनऊ ब्रेस्ट कैंसर सपोर्ट ग्रुप द्वारा ब्रेस्ट कैंसर सर्वाइवर को पिक्चर दिखाई जायेगी ।

कैंसर के हर स्तर पर इलाज है : डॉ सुधीर सिंह

रेडियोथेरेपी विभाग के डॉ.सुधीर सिंह ने बताया कि स्तन कैंसर का हर स्तर पर इलाज है, जितनी जल्दी पहचान हो जाती है, इलाज आसान और पूर्णतया छुटकारा दिलाने वाला होता है। कार्यक्रम में प्रतिकुलपति प्रो.विनीत शर्मा,डॉ.शालिनी गुप्ता, डॉ.पूजा रमाकांत, डॉ.कुशाग्र, डॉ.गीतिका, डॉ.चंचल, डॉ.कुलरंजन, ईशा, रचना और छात्र-छात्राएं मौजूद रहीं ।

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