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कौन थे UP विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष सुखदेव राजभर, कहाँ से शुरू हुआ सफर ? पढ़ें-

यूपी विधान सभा के पूर्व अध्यक्ष सुखदेव राजभर का सोमवार को निधन हो गया. बताया जा रहा है कि लंबे समय से बीमार चल रहे थे लखनऊ के निजी अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई.

सुखदेव गुर्दे की बीमारी से पीड़ित थे

सुखदेव राजभर तीन दिन पहले गोमतीनगर स्थित चंदन हॉस्पिटल में भर्ती हुए थे. चंदन अस्पताल के एमडी डॉ. फारुख अंसारी ने बताया कि सुखदेव राजभर गुर्दे के बीमारी से पीड़ित थे. डायलसिस चल रही थी. जहां सोमवार की रात साढ़े आठ बजे उनका निधन हो गया. सुखदेव राजभर मायावती के साथ ही मुलायम और कल्याण सिंह कैबिनेट में भी मंत्री बने. वे यूपी के पूर्वांचल के बड़े नेताओं में आते थे.

5 बार बने विधायक

सुखदेव ने उत्तर प्रदेश के विधायक के रूप में 5 बार के कार्यकाल के लिए अपनी सेवाएं दीं थी. लालगंज के विधायक के रूप में 3 बार और दीदारगंज में 2 बार विधायक के रूप में कार्य किया. वे 2007-2012 तक मायावती के शासन में उत्तर प्रदेश विधानसभा के स्पीकर रह चुके हैं. बतादें कि अखिलेश यादव 29 अगस्त को सुखदेव राजभर से मुलाकात करने अचानक उनके घर पहुंचे थे. इसके बाद कयास लगाए जा रहे थे कि जल्द ही सुखदेव राजभर बसपा का दामन छोड़कर अपने बेटे कमलाकांत राजभर संग सपा में शामिल हो सकते हैं.

सीएम योगी ने जताया दुःख

उनके निधन पर सीएम योगी सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय लल्लू, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव ने सोशल मीडिया पर दुख जताया है. सीएम योगी ने अपने शोक संदेश में कहा कि सुखदेव राजभर का निधन अत्यंत दु:खद है। प्रभु श्रीराम से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान और शोकाकुल परिजनों को यह दु:ख सहने की शक्ति प्रदान करें.

अखिलेश ने ट्वीट करते हुए लिखा कि अत्यंत दु:खद! यूपी विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष एवं वरिष्ठ राजनेता श्री सुखदेव राजभर जी का निधन अपूरणीय क्षति. शोक संतप्त परिवार के प्रति संवेदना, दिवंगत आत्मा को शांति दे भगवान! ‘सामाजिक न्याय’ को समर्पित आप का राजनीतिक जीवन सदैव प्रेरणा देता रहेगा. विनम्र श्रद्धांजलि!

मंगलवार सुबह सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ स्थित उनके आवास पर उन्हें श्रद्घांजलि दी.

सुखदेव राजभर का कार्यकाल

सुखदेव राजभर ने अपना पहला चुनाव साल 1991 के विधान सभा चुनाव में बीजेपी के नरेन्द्र सिंह को 24 मतों से पराजित कर जीता और विधायक बने थे. 1993 में सपा-बसपा गठबंधन की सरकार में मंत्री बने. लेकिन 1996 के चुनाव में वो बीजेपी के नरेन्द्र सिंह से पराजित हो गए थे. फिर 2002 के चुनाव और 2007 के चुनाव में वे फिर से जीते. लालगंज विधान सभा सुरक्षित हो जाने पर 2012 में वे दीदारगंज विधान सभा क्षेत्र से चुनाव लड़े जिसमें सपा के आदिल शेख से चुनाव हार गए. 2017 में पुनः दीदारगंज से चुनाव लड़े और समाजवादी पार्टी के आदिल शेख को 3,645 वोटों के अंतर से हराकर उत्तर प्रदेश की 17वीं विधानसभा के सदस्य बने थे. प्रदेश की 11वीं, 12वीं, 14वीं, 15वीं और 17वीं विधान सभा में विधायक रहे सुखदेव राजभर का जन्म 5 सितम्बर 1951 को आजमगढ़ के बडगहन में हुआ था.

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