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‘पीएम गति शक्ति नेशनल मास्टर प्लान’ का हुआ शुभारंभ, जानें इसकी ख़ासियत और लक्ष्य

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘पीएम गति शक्ति नेशनल मास्टर प्लान’ का शुभारंभ किया है. 100 लाख करोड़ रुपए की इस योजना के तहत रेल और सड़क समेत 16 मंत्रालयों को डिजिटली कनेक्ट किया जाएगा.

क्या है इस योजना का उद्देश्य

इस योजना के अंतर्गत किसी भी योजना के निर्माण, डिजाइन में भारतमाला, सागरमाला, अंतरदेशीय जलमार्ग, शुष्क भूमि, बंदरगाह, उड़ान जैसे विभिन्न मंत्रालयों और राज्य सरकार की ढांचागत परियोजनाओं को शामिल किया जाएगा. ‘पीएम गति शक्ति’ योजना से परियोजनाओं की लागत और रखरखाव पर आने वाले खर्च में कमी आएगी, वहीं रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे. रेलवे, सड़क परिवहन, पोत, आईटी, टेक्सटाइल, पेट्रोलियम, ऊर्जा, उड्डयन जैसे 16 मंत्रालयों के जो प्रोजेक्ट चल रहे हैं या 2024-25 तक जिन योजनाओं को पूरा करना है, उन सबको ‘गति शक्ति योजना’ के अंतर्गत डाल दिया जाएगा.

क्या है इस योजना का लक्ष्य

साल 2027 तक हर राज्य को नेचुरल गैस पाइपलाइन से जोड़ने की सरकार की योजना में गति शक्ति की अहम भूमिका होगी. साल 2024 तक दूरसंचार विभाग द्वारा 35 लाख किमी का ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क बिछाने का प्लान है. ऊर्जा मंत्रालय के द्वारा ट्रांसमिशन नेटवर्क बढ़ाकर 4.52 लाख किमी सर्किट तक किया जाएगा. फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री द्वारा देश में करीब 200 मेगा फूड पार्क बनाने, फिशिंग क्लस्टर बढ़ाकर 202 तक करने, 15 लाख करोड़ के टर्नओवर वाले 38 इलेक्ट्रॉनिक क्लस्टर बनाने, 90 टेक्सटाइल क्लस्टर बनाने और 110 फार्मा एवं मेडिकल डिवाइस क्लस्टर बनाने का लक्ष्य है.

शुभारंभ के बाद पीएम मोदी का संबोधन

इस योजना का शुभारंभ करते हुए PM मोदी ने कहा कि आज दुर्गा अष्टमी है. पूरे देश में आज कन्या पूजन हो रहा है. आज देश की प्रगति को शक्ति देने का शुभ कार्य हो रहा है. ये 21वीं सदी के भारत के निर्माण को नई ऊर्जा देगा. विकास के रास्ते की रुकावट को दूर करेगा और भारत के विकास को गति देगा. पिछली सरकारों को लगता था कि जैसा चल रहा है, वैसा चलने दो. आज का भारत समय पर प्रोजेक्ट को पूरा कर रहा है. सरकारी शब्द का मतलब पहले बिगड़ गया था, लोगों को लगता था कि सरकारी मतलब क्वालिटी खराब है. लेकिन अब भारत 21वीं सदी में पुरानी सोच पीछे छोड़ रहा हैं.

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