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लखीमपुर कांड के खिलाफ महाराष्ट्र बंद, 8 बसों में तोड़फोड़, शिवसेना के कार्यकर्ताओं ने दिखाई गुंडई

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में किसानों की हत्या के विरोध में आज महाराष्ट्र महाविकास अघाड़ी सरकार के तीनों दलों, यानी कांग्रेस, NCP और शिवसेना ने राज्यव्यापी बंद का आह्वान किया है.

बेस्ट की 8 बसों में तोड़ फोड़

मुंबई, पुणे, नागपुर समेत सभी बड़े शहरों में सड़कों से गाड़ियां गायब हैं और दुकानें और व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद हैं. महाराष्ट्र के सभी शहरों में पोस्टर लगाए गए हैं और लोगों से प्रधदर्शनकारी किसानों का समर्थन करने की अपील की गई है. इस दौरान मुंबई में बेस्ट की 8 बसों में भी तोड़ फोड़ की गई है. बेस्ट ने अपने बयान में कहा है कि सुबह-सुबह धारावी, मानखुर्द, शिवाजी नगर, चारकोप, ओशिवरा, देवनार और इनऑर्बिट मॉल के पास नौ बसें क्षतिग्रस्त हो गईं हैं, इनमें पट्टे पर किराए पर ली गई एक बस भी शामिल है. बेस्ट प्रशासन ने पुलिस सुरक्षा की मांग की है.

शिवसेना के कार्यकर्ताओं की गुंडई

इस बीच शिवसेना के कार्यकर्ता गुंडई पर उतर आए. उन्होंने मुंबई के कई इलाको में ऑटो वालों के साथ मार- पिटाई भी की और ऑटो वालों पर लाठी और थप्पड़ों की बौछार करते नजर आए. पुणे की सब्ज़ी मंडी में भी बंद का असर देखने को मिला है. पुणे APMC के एडमिनिस्ट्रेटर ने कहा, यहां सब्ज़ी-फल के रोज़ 800-900 वाहन आते हैं, लेकिन कल 2,000 वाहन आए थे. मंडी आज बंद रहेगी, कल से खुलेगी.

कड़ी सुरक्षा के इंतज़ाम

नंदुरबार जिले में कड़ी सुरक्षा के इंतज़ाम किये गए हैं. 1100 पुलिसकर्मी और 100 अधिकारी के साथ 400 होमगार्ड के जवान तैनात किये गए हैं. लासलगांव मंडी समिति में प्याज और अनाज की नीलामी आज बंद है. 25-30 करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान लगाया गया है. वहीं औरंगाबाद में कांग्रेस और NCP कार्यकर्ताओं ने सड़क पर उतर कर केंद्र सरकार के खिलाफ प्रोटेस्ट किया है.

बंद के खिलाफ कार्रवाई का निर्देश देने की अपील

इधर मुंबई के एक वकील ने बॉम्बे हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता को पत्र लिखकर महाराष्ट्र की सत्तारूढ़ पार्टी महाविकास अघाड़ी द्वारा बुलाए गए बंद के खिलाफ स्वतः संज्ञान ले कर कार्रवाई का निर्देश देने की प्रार्थना की है. महाराष्ट्र सरकार पर निशाना साधते हुए नेता विपक्ष देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं और बाढ़ से राज्य के किसान बेहाल हैं. उसकी तरफ ध्यान देने के बजाय सरकार लखीमपुर खीरी घटना का राजनीतिक लाभ उठाने के लिए बंद का आयोजन कर रही है.

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