ग्राम पंचायत स्तर पर “धन्वंतरि वाटिका” की स्थापना हो: डॉ. त्रिपाठी
श्री धन्वंतरि जयंती पर हुआ विशेष आयोजन

लखनऊ।
अखिल भारतीय आयुर्वेद विशेषज्ञ सम्मेलन, उत्तर प्रदेश द्वारा शनिवार को राजाजीपुरम स्थित सरोज आरोग्यम केंद्र में शनिवार को श्री धन्वंतरि जयंती का भव्य आयोजन किया गया। इस अवसर पर सम्मेलन के प्रदेश अध्यक्ष डॉ शिव शंकर त्रिपाठी ‘राजवैद्य’ ने भगवान धन्वंतरि का पूजन किया गया और आयुर्वेद के जनकल्याणकारी मूल्यों को जनमानस तक पहुंचाने का संकल्प लिया गया।
अध्यक्ष डॉ. त्रिपाठी ने कहा कि भारत सरकार का लक्ष्य है कि 2025 तक आयुर्वेद को वैश्विक स्तर पर मान्यता दिलाई जाए, और यह तभी संभव है जब आयुर्वेद को एक जन आंदोलन के रूप में आगे बढ़ाया जाए। उन्होंने कहा कि आज की युवा पीढ़ी औषधीय पौधों की जानकारी से वंचित होती जा रही है, इसलिए जरूरी है कि प्रत्येक ग्राम पंचायत में “धन्वंतरि वाटिका” की स्थापना हो, जहां ऐसे पौधों का रोपण हो जो आमजन के लिए उपयोगी हों।
राजवैद्य ने बताया कि इन वाटिकाओं के माध्यम से जनसामान्य को औषधीय पौधों की पहचान, उपयोगिता व औषधीय गुणों की जानकारी आसानी से मिल सकेगी, जिससे लोग स्वस्थ जीवन शैली की ओर प्रेरित होंगे।
उन्होंने यह भी याद दिलाया कि प्रदेश की प्रथम “धन्वंतरि वाटिका” वर्ष 2001 में राजभवन, लखनऊ में तत्कालीन राज्यपाल विष्णु कांत शास्त्री की प्रेरणा से स्थापित की गई थी। यह पहल आज भी प्रेरणा स्रोत बनी हुई है।
कार्यक्रम में सम्मेलन में डॉ. रेखा वाजपेई, डॉ. अशोक कुमार, डॉ. अमित शुक्ला, डॉ. नीरज, डॉ. दीपांजली एवं डॉ. सरोज त्रिपाठी समेत 50 से अधिक आयुर्वेद चिकित्सक एवं आयुर्वेद प्रेमी शामिल हुए।