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शिक्षण संस्थानों को ‘तम्बाकू मुक्त’ घोषित करवाने के लिए वर्चुअल कार्यशाला का हुआ आयोजन

राज्य तम्बाकू नियंत्रण प्रकोष्ठ, बेसिक शिक्षा विभाग और उत्तर प्रदेश वालेंटरी हेल्थ एसोसिएशन के संयुक्त तत्वावधान में एक वर्चुयल अभिमुखी कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसका मुख्य विषय रहा ‘तम्बाकू मुक्त शिक्षण संस्थान’

उत्तर प्रदेश के सभी शिक्षण संस्थानों को तम्बाकू मुक्त घोषित करें

जनपद स्तर पर इस गाइडलाइन का अनुपालन कराते हुए उत्तर प्रदेश के सभी शिक्षण संस्थानों को तम्बाकू मुक्त घोषित किया जाना है. इस कार्यशाला में मुख्य अतिथि राज्य नोडल अधिकारी डॉ सुनील पाण्डेय, राज्य सलाहकार श्सतीश त्रिपाठी , सूर्यप्रकाश पाठक (राज्य सलाहकार मानसिक स्वस्थ्य), द यूनियन से तकनिकी सलाहकार प्रणय लाल और डॉ अमित यादव , सलाम बाम्बे के दीपक पाटिल के द्वारा सभी जनपद स्तरीय अधिकारीयों का क्षमतावर्धन किया गया.

तंबाकू मौत और बीमारी का प्रमुख कारण

विवेक अवस्थी ने कार्यशाला में उपस्थित सभी लोगो का स्वागत किया. इसमें मुख्य भूमिका शिक्षा विभाग की है क्योंकि आज के परिवेश में युवायों में तम्बाकू के बढ़ते उपयोग और उसके रोकने हेतु प्रयास पर जोर देना होगा. राज्य नोडल अधिकारी डॉ सुनील पाण्डेय ने निदेशक बेसिक शिक्षा का धन्यवाद करते हुए कहा कि कोरोना पेन्डमिक शब्द का मतलब आज पूरा देश जानता है. इसी प्रकार टोबैको पान्डेमिक भारत में तंबाकू का उपयोग तंबाकू आज दुनिया में मौत और बीमारी का सबसे प्रमुख कारण है, जिससे मौत हो रही है. इसको रोकने में शिक्षा विभाग सहयोग करे.

कितने प्रतिशत लोग करते हैं धूम्रपान

द यूनियन से तकनिकी सलाहकार अमित यादव ने कोटपा कानून के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि नए और उभरते इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद (ई-सिगरेट और इसी तरह के उत्पाद) हमारे लिए नई चुनौतियां पेश करते हैं. इन प्रयासों को जल्दी से रोकना होगा जब कि ये भारत में प्रतिबंधित हैं. The Juvenile Justice (Care and Protection of Children) Act के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि भारत सरकार द्वारा जारी Global Youth Tobacco Survey-2021 जारी किया गया जसके अनुसार 23 प्रतिशत लड़कों और 24 प्रतिशत लडकियों द्वारा किसी न किसी रूप में तम्बाकू उत्पादों का उपयोग हो रहा है. 22 प्रतिशत विद्यार्थियों द्वारा सार्वजानिक स्थानों पर परोक्ष धुम्रपान (Second hand smoke ) किया जा रहा है. वयस्कों का 13.5% वर्तमान में तंबाकू का सेवन करते हैं. 42.6% पुरुष, 15.2% महिलाएं और सभी वयस्कों का 29.4% वर्तमान में धूम्ररहित तंबाकू का प्रयोग करें. इस एक्ट के जरिये युवाओं को तम्बाकू की लत से दूर रखने और न्यू जनरेशन को तम्बाकू के जोखिम के कारकों से अवगत कराया गया है.

सिगरेट एंड टोबेको प्रोडक्ट (COTPA) अधिनियम 2003 के विभिन्न धाराओं पर चर्चा की-

धारा 4 – सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान निषेध है 200 रुपये तक का जुर्माना हो सकता है. होटल, रेस्तरां, सिनेमा हॉल, मॉल आदि के मालिकों को 60 सेमी x 30 सेमी बोर्ड पर नो स्मोकिंग बोर्ड प्रदर्शित करना चाहिए.
धारा 5 – तंबाकू उत्पादों के प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष विज्ञापन पर प्रतिबंध. तम्बाकू उत्पाद बेचने वाली दुकानों को 60 सेमी x 45 सेमी का बोर्ड प्रदर्शित करना चाहिए, जिसमें तम्बाकू के कारण कैंसर होते हैं. उल्लंघन करने पर 1000 रुपये से 5000 रुपये जुर्माना या 10-5 साल की कैद हो सकती है.
धारा 6(क) – 18 वर्ष से कम आयु के नाबालिगों को तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर प्रतिबंध. दुकानों को बोर्ड दिखाना चाहिए कि तंबाकू उत्पाद की बिक्री 18 वर्ष से कम है.
धारा 6(ख) – शिक्षा संस्थान के 100 यार्ड के भीतर तंबाकू उत्पादों की बिक्री दंडनीय है. उल्लंघन करने पर 200 रुपये तक जुर्माना हो सकता है.

सयुंक्त निदेशक बेसिक बेसिक शिक्षा ने सभी का आभार प्रकट करते हुए कहा की ये कार्यशाला इतनी महत्वपूर्ण है जिसकी आवश्यकता पूरे समाज को है तंबाकू हमारे समाज को पूरी तरह से अपनी गिरफ़्त में लेता चला आ रहा हैं उन्होंने कहा कि हमारे सभी अधिकारी व कर्मचारी अपने परिसर को तंबाकू व पान मसाला से पूरी तरह प्रतिबंधित करे और गाइडलाइन का कड़ाई से पालान कराना सुनिश्चित करें

राज्य सलाहकार सतीश त्रिपाठी ने कुछ महत्वपूर्ण बाते बताई जो इस प्रकार हैं.

1- परिसर के अंदर ‘धूम्रपान प्रतिवंधित ‘ या तंबाकू मुक्त क्षेत्र’ के संकेत का साइनेज प्रदर्शन, साइनेज में तंबाकू मॉनिटर / नोडल अधिकारी का विवरण
2- प्रवेश द्वार / चारदीवारी पर “तंबाकू मुक्त शिक्षा संस्थान” साइनेज का प्रदर्शन, साइनेज में तंबाकू मॉनिटर का विवरण
3- परिसर के अंदर तंबाकू उत्पादों के उपयोग का कोई सबूत नहीं है यानी सिगरेट / बीड़ी बट्स या छोड़े गए गुटखा / तंबाकू पाउच, थूकने वाले स्थान
4- तंबाकू से होने वाले नुकसान पर पोस्टर या अन्य जागरूकता सामग्री को परिसर में प्रदर्शित किया गया।
5- पिछले 6 महीनों के दौरान कम से कम एक तंबाकू नियंत्रण गतिविधि का आयोजन करें
6- तंबाकू मॉनिटर नामित करें और बिंदु 1 और 2 .के संकेतों पर उनके विवरण का उल्लेख करें
7- आचार संहिता दिशानिर्देशों में “तंबाकू का उपयोग नहीं” मानदंड को शामिल करना
8- चारदीवारी/बाड़ की बाहरी सीमा से 100 गज की दूरी पर निशान लगाना
9- 100 गज के दायरे में तंबाकू उत्पाद बेचने वाली कोई दुकान नहीं

ये अपेक्षा की जाती है कि समस्त जिला विद्यालय निरीक्षक स्वस्थ्य विभाग से समन्वय स्थापित करते हुए अपने अपने जनपद के शिक्षण संस्थानों को तम्बाकू मुक्त घोषित करे.

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