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टीबी मरीजों को गोद लेने वालों को किया जा रहा पंजीकृत

निक्षय पोर्टल पर पंजीकृत हुए 5000 से अधिक निक्षय मित्र


  • लखनऊ। प्रदेश में टीबी मरीजों को गोद लेने वाले (डोनर) 5000 से अधिक निक्षय मित्रों को अब तक निक्षय पोर्टल पर पंजीकृत किया जा चुका है। यह निक्षय मित्र टीबी मरीजों को गोद लेकर उनको इलाज के दौरान हर माह पोषक आहार मुहैया कराने के साथ ही भावनात्मक सहयोग भी प्रदान करने का काम कर रहे हैं। यह जानकारी संयुक्त निदेशक (क्षय)/राज्य क्षय नियन्त्रण कार्यक्रम अधिकारी डॉ. शैलेन्द्र भटनागर ने दी।
  • उन्होंने कहा कि देश को वर्ष 2025 तक क्षय रोग यानि टीबी मुक्त बनाने के प्रधानमंत्री के संकल्प को साकार करने में यह मुहिम बड़ी कारगर साबित हो रही है। डॉ. भटनागर ने बताया कि प्रदेश में अब तक 1.40 लाख से अधिक टीबी मरीजों को गोद लिया जा चुका है। इन टीबी मरीजों को गोद लेने वाले निक्षय मित्र उनको पोषक आहार मुहैया कराने के साथ ही भावनात्मक सहयोग भी प्रदान कर रहे हैं। इससे जहाँ सभी टीबी मरीजों को विभाग द्वारा जाँच और दवाएं मुफ्त प्रदान की जा रहीं हैं वहीँ समय से पोषक आहार मिलने से वह दवाएं बहुत ही फायदेमंद साबित हो रहीं हैं। निक्षय मित्रों के संपर्क में रहने से उन्हें एक ताकत भी मिल रही है कि इस लड़ाई में वह अकेले नहीं हैं। इसके अलावा निक्षय पोषण योजना के तहत इलाज के दौरान टीबी मरीजों के बैंक खाते में 500 रुपये प्रतिमाह भेजे जा रहे हैं।
    डॉ. भटनागर ने बताया कि क्षय रोगियों की पहचान के लिए अब हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर की भी मदद ली जा रही है। टीबी के लक्षण जैसे- दो हफ्ते से अधिक समय से खांसी आना व बुखार बना रहना, खांसी के साथ बलगम में खून आना, रात में पसीना आना, वजन गिरना, भूख न लगना आदि लक्षण वालों का सैम्पल घर के निकट ही लिया जा रहा है। जांच में टीबी की पुष्टि होने पर जल्द से जल्द उनका इलाज शुरू किया जाएगा ताकि संक्रमण को समय रहते फैलने से रोका जा सके। टीबी मरीजों का नोटिफिकेशन बढ़ाने के लिए हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के कम्युनिटी हेल्थ आफिसर (सीएचओ) को भी टीबी की स्क्रीनिंग और उपचार सेवाओं में सक्रिय भागीदारी निभाने के लिए प्रशिक्षित किया गया है। निक्षय पोर्टल संचालित करने के लिए भी सीएचओ को हैंड्स ऑन प्रशिक्षण प्रदान किया गया है। इसके साथ ही अब हर रविवार को आयोजित होने वाले मुख्यमंत्री आरोग्य स्वास्थ्य मेले में क्षय रोग विभाग का स्टाल लगाया जा रहा है। इसके माध्यम से मेले में आने वालों को टीबी के लक्षणों और इलाज के बारे में जागरूक किया जा रहा है और संभावित लक्षण वालों की मुफ्त जांच और उपचार के बारे में भी विस्तार से बताया जा रहा है।

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