प्रसूता की थम चुकी सांसों को जोड़ कर केजीएमयू डॉक्टरों ने तीन को दिया जीवन
फेफड़े में पानी भरा था और धड़कने बंद हो गई
लखनऊ। बीती 10 अक्टूबर को केजीएमयू के चिकित्सकों ने एक नहीं, तीन जिन्दगी बचाई। उस गर्भवती का क्वीन मैरी इमरजेंसी में सीजेरियन कर पहले दो शिशुओं को बचाया और जिसके फेफड़े में पानी भरा था और धड़कने बंद हो गई थी, रात को ही वेंटीलेटर यूनिट में शिफ्ट करने से पहले प्रसूता के चेस्ट पर सीपीआर प्रक्रिया से सांसों की डोर को जोड़ा। उक्त प्रक्रिया डॉ.मंजूलता और आईसीयू में डॉ.विपिन सिंह की टीम ने किया।
बीपी घटने लगा, सांस और हांफने की दिक्कत बढ़ गई
22 वर्षीय प्रसूता सोनू वर्मा के भाई संतराम ने बताया कि बहन के गर्भ में जुड़वा बच्चे थे,रूटीन इलाज चल रहा था। मगर रविवार 10 अक्टूबर को अचानक बीपी घटने लगा, स्थानीय डॉक्टरों ने क्वीन मैरी की सलाह दी, रात को ही लेकर क्वीन मैरी में भर्ती किया। यहां भी इंजेक्शन व अन्य दवाओं के बाद भी बीपी कंट्रोल नही हुआ, कुछ ही देर में सांस की दिक्कत बढ़ गई और बहन हांफने लगी। डाक्टरों ने गंभीर स्थिति को देखकर गर्भस्थ शिशुओं की सुरक्षा में तत्काल सीजेरियन किया और शिशुओं को एनआईसीयू में भर्ती कर दिया। इसके बाद भी बहन सोनू की हालत में सुधार नही हुआ, बेहोशी की हालत में थी, एकाएक धड़कन रुक गई, हाथ की पल्स गायब हो गई, डाक्टरों ने तत्काल सीपीआर कर, सांसों को वापस लौटाया साथ ही चिकित्सकों ने ही आईडीएच में वेंटीलेटर युक्त बेड पर भर्ती करने की व्यवस्था की, तत्काल बहन को वेंटीलेटर पर भर्ती किया गया। अब बहन की और शिशुओं की हालत ठीक है।
हार्ट के चारो तरफ पानी भर गया था, हार्ट रुक गया था
आईसीयू के डॉ.विपिन सिंह ने बताया कि प्रसूता सोनू का ब्लड प्रेशर कम होने की वजह से शरीर में आक्सीजन की कमी हो चुकी थी, जिसकी वजह से मरीज को आईसीयू व सीसीयू -2 में भर्ती किया गया। सीसीयू में अल्ट्रासाउंड कर देखा गया तो ज्ञात हुआ कि हार्ट के चारो तरफ पानी भरा हुआ है,इस बीमारी को पेरिकरडीयल इफ्यूजन कहा जाता है। फेफड़े में पानी भरा होने की वजह से बीपी कम हो गया और हार्ट ने काम करना बंद कर दिया। हार्ट को सीपीआर करके चलाया गया और हार्ट के चारों तरफ भरे हुए पानी को निकाला गया। पानी निकलने के बाद से, धीरे-धीरे ब्लड पे्रशर बढ़ने लगा और शरीर में आक्सीजन की मात्रा भी बढ़ने लगी और किडनी भी काम करने लगी। प्रसूता को तीसरे दिन वेंटिलेटर से बाहर निकाला गया और हाई फ्लो आक्सीजन मशीन के सपोर्ट पर रखा गया है। गुरुवार को नौवें दिन, हालत स्थिर है बीपी और आक्सीजन लेवल दोनो ठीक है और एक या दो दिन में ही डिस्चार्ज कर दिया जायेगा।
प्रसूता की जान बचाने में डाक्टर समेत पूरी टीम
क्वीन मैरी में सर्जन, डॉ.मंजुलता, आईसीयू में डॉ.विपिन सिंह, डॉ.बीबी कुशवाहा, डॉ.प्रज्ञा , डॉ.तेजश्री, डॉ.सुमेधा, डॉ.कुलदीप , डॉ.कनिका , डॉ.तृप्ति, डॉ.आयुषी पांडेय, डॉ.अस्मिता, वार्ड मास्टर हरेराम पंडित, नर्सिंग स्टाफ राकेश यादव