लिवर की तीन बड़ी गांठे निकाल कर महिला को जीवनदान दिया साढ़ामऊ अस्पताल के डॉक्टरों ने
पालतू जानवरों से लिवर में होने वाली सिस्टें कभी भी सकती थी फट, जान थी खतरें में

लखनऊ। बीकेटी स्थित राम सागर मिश्रा संयुक्त चिकित्सालय(साढ़ामऊ) में सर्जन डॉ.अजीत सिंह एवं उनकी टीम ने एक लिवर में मौजूद तीन बड़ी सिस्ट निकालकर महिला मरीज को नया जीवनदान दिया है, यह संक्रमित सिस्ट हाइडैटिड थे जो कि परजीवी टेपवर्म, कुत्तो, भेड़ों, मवेशियों व सुअरों में पाया जाता है, सर्जरी ने होने की स्थित में सिस्ट फटने की स्थिति में पहुंच चुके थे। फिलवक्त, सर्जरी के बाद मरीज तेजी से स्वास्थ्य लाभ ले रहा है, सामान्य सर्जरी के मरीजों की तरह तीन से चार दिन में अस्पताल से छुट्टी मिल जाएगी।
संदना, सीतापुर निवासी 37 वर्षीय महिला मरीज में गत सोमवार को सर्जरी करने वाले सर्जन डॉ.अजीत सिंह ने बताया कि कई अस्पतालों में इलाज से हताश होने के बाद भीषण पेट दर्द और जी मिचली की शिकायत के साथ महिला ओपीडी में आयी थी। परिवारीजनों को बीमारी की गंभीरता और तत्काल सर्जरी की आवश्यकता से अवगत कराया गया। जिसके बाद एनेस्थेटिक डॉ उमाशंकर लाल एवं डॉ सुमित कुमार महाराज से चर्चा की गयी और सर्जरी प्लान की गयी। इस समय पूरी टीम के आपसी सहयोग से सफल सर्जरी हो चुकी है।

हाइटैडिड सिस्ट से नुकसान
→ शरीर के किसी भी अंग को प्रभावित कर सकता है, लेकिन लिवर में 60 से 70 प्रतिशत संभावित है, उसके बाद फेफड़े 20 से 30 प्रतिशत में होता है l रोगी पेट दर्द और शरीर में गांठ होती है l
→सिस्ट का आकार छोटे से लेकर बड़े आकार तक हो सकता है।
सिस्ट शरीर में फट सकता है जो जीवन के लिए घातक हो सकता है और एनाफिलेक्टिक शॉक का कारण बन सकता है।
वर्जन

रामसागर मिश्रा संयुक्त चिकित्सालय के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. वी के शर्मा ने बताया की चिकित्सालय में कार्यरत सर्जन एवं एनेस्थेटिस्टों ने उक्त जटिल ऑपरेशन को सफलतापूर्वक सम्पादित कर अतिउत्तम कार्य किया है एवं भविष्य में भी जनहित में ऐसे कार्य किया जाते रहेंगे। यह अस्पताल, अधिकाधिक मरीजों में उपयोगी हो, चिकित्सकीय प्रयास सराहनीय है।