चीन फिर से भारत से लगे बॉर्डर पर सक्रिय हाे गया है. चीन अपनी सैन्य स्थिति को मजबूत करते हुए एलएसी पर अधिक सैन्य शेल्टर का निर्माण कर रहा है. पूर्वी लद्दाख में गलवान घाटी संघर्ष के 17 महीने बाद चीन एक बार फिर भारत के खिलाफ साजिश रचने की फिराक में है.
पूर्वी लद्दाख में मुठभेड़ के बाद बढ़ा चीन
7 महीने पहले पूर्वी लद्दाख में हुई मुठभेड़ के बाद एक बार फिर से चीन सीमा रेखा के पास अपनी सेना के लिए बंकर बना रहा है. खुफिया रिपोर्ट से पता चला है कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) पूर्वी लद्दाख के सामने वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के साथ कम से कम आठ और आगे के स्थानों में अपने सैनिकों के लिए नए मॉड्यूलर कंटेनर-आधारित शेल्टर का निर्माण किया है. ये नए सैनिक शेल्टर उत्तर में काराकोरम दर्रे के पास वहाब ज़िल्गा से लेकर पियू, हॉट स्प्रिंग्स, चांग ला, ताशीगोंग, मांज़ा और चुरुप तक हैं.
चीन सीमा से अपनी फौज हटाने के इरादे में नहीं है
हर लोकेशन पर सात क्लस्टर्स में 80 से 84 तक कंटेनर्स बनाए गए हैं. ये नए कैंप पुराने मौजूदा कैंपों के अलावा बनाए गए हैं. इससे साफ पता चलता है कि लंबे समय तक सीमा से अपनी फौज हटाने का चीन का कोई इरादा नहीं है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हम लद्दाख में कॉम्बेट तैनाती की आंच महसूस कर रहे हैं, लेकिन हमने पीएलए को लंबे समय तक फ्रंटलाइन की तैनाती और व्यापक निर्माण के लिए मजबूर किया है.
भारत ने भी कर रखी है तैयारी
अधिकारी ने बताया कि जहां हमारे सैनिक दुर्गम पहाड़ी इलाकों में काम करने के अभ्यस्त हैं जबकि चीनी सैनिक नहीं हैं. भारत और चीन दोनों ने पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर हॉवित्जर, टैंक और सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल सिस्टम्स के साथ ही लगभग 50,000 सैनिकों की तैनाती की हुई है. दोनों तरफ की सेनाएं ऊंचाई वाले दुर्गम और ऑक्सिजन की कमी वाले इलाके में अपने सैनिकों को रोटेट कर रहे हैं. इसके अलावा एक-दूसरे पर नजर रखने के लिए विमान और ड्रोन तैनात कर रहे हैं.