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सच्ची घटना पर आधारित फिल्म ’72 हूरें’ का ट्रेलर रिलीज

हर तरह बिछी दिखीं लाशें, कट्टरपंथियों द्वारा युवाओं को ब्रेनवॉश कर आतंकी बनाने पर बेस्ड है फिल्म

फिल्म 72 हूरें का ट्रेलर रिलीज हो गया है। ट्रेलर में दिखाया गया है कि कैसे कट्टरपंथियों के बहकावें में आकर युवा अपने आप को सुसाइड बॉम्बर बना देते हैं। ट्रेलर में ये भी दिखाया गया है कि कैसे एक आतंकवादी 72 हूरों की लालच देकर लोगों को बहकाता है। फिल्म के डिस्क्लेमर में साफ लिखा है कि ये सच्ची घटनाओं पर आधारित फिल्म है।

जानकारी के मुताबिक ये फिल्म 2021 की है, और इसे सरकार की तरफ से नेशनल अवॉर्ड भी मिल चुका है। फिल्म के प्रोड्यूसर अशोक पंडित ने कहा कि उनकी इस फिल्म के लिए तालियां बजी थीं। सरकार ने फिल्म को सराहा भी था, लेकिन इस वक्त फिल्म की रिलीज में अड़चन देखने को मिल रही है।

ट्रेलर की शुरुआत एक ब्लैक एंड व्हाइट सीन से होती है, हर जगह लाशें दिखाई दे रही हैं। बैकग्राउंड में दाढ़ी में एक शख्स कई लोगों को बैठाकर 72 हूरों को लेकर कुछ बातें कह रहा है। ट्रेलर के एक सीन में एक्टर पवन मल्होत्रा धर्म के नाम पर अपने साथी एक्टर आमिर बशिर को बरगला रहे हैं। ब्रेनवाश हुए युवक का रोल कर रहे पवन मल्होत्रा एक सीन में काफिरों को मारने की बात करते हैं। वहीं लास्ट सीन में दिखाया है कि वो भीड़ के बीच में खड़े होकर अपने आप को बम से उड़ा लेते हैं।

हम अक्सर 72 हूरों का कॉन्सेप्ट सुनते आए हैं। असलियत में इसका मतलब क्या है। दरअसल ये एक मनगढ़ंत धारणा है जो कि आतंकी सरगना युवाओं को बरगलाने के लिए यूज करते हैं। हम अक्सर देखते हैं जो आतंकवादी पकड़े जाते हैं, उनसे जब सवाल किए जाते हैं तो उनका जवाब यही होता है कि उन्होंने 72 हूरों के लिए हथियार उठाया है। उनकी ये सोच होती है कि अगर वे लोगों को मारेंगे और बदले में उनकी खुद की भी जान जाती हैं तो उन्हें जन्नत (स्वर्ग) नसीब होगा। जन्नत में उन्हें 72 हूरें (72 अप्सराएं) मिलेंगी जो उनकी सेवा करेंगी।इन्हीं 72 हूरों के लालच में 20-22 साल के लड़के आत्मघाती भी बन जाते हैं। उनका इस लेवल पर ब्रेनवॉश होता है कि वे खुद को बम से उड़ाने तक में पीछे नहीं हटते। ये फिल्म इसी पर बेस्ड है।

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