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जानिए: इंफ्यूएंजा H3 N2 व मौसमी बुखार का इलाज व बचाव

Viral Fever.. मौसमी बुखार….

आजकल मौसमी बुखार (Viral Fever ) फ़ैल रहा है। जो मौसम बदलने के कारण प्रत्येक वर्ष आता रहता है। इसका प्रभाव 5 से 7 दिन तक रहता है। घबराएँ नही।

लक्षण खांसी जुकाम गला खराब होना, हरारत बुखार ,पैर खाली खाली लगना, सिर दर्द, बदन दर्द।

घरेलू नुस्खे…..

10 तुलसी के पते +2 लोंग+ 2 इलाइची+ 1 काली मिर्च+ 20 mm कच्ची हल्दी का टुकड़ा + 2 इंच लम्बा दालचीनी का टुकडा इन सभी को पानी में उबाल कर काढ़ा बना लें। फिर गर्म गर्म दिन में 3 बार पी सकते है।

गिलोय का काढ़ा …..

गिलोय की बेल 1 फुट लेकर टुकड़े बना कर कूट ले और एक गिलास पानी में तब तक उबले जब वो आधा न रह जाए और ठंडा होने पर पी ले। या रोज 2 पते धोकर खाएं।

सावधानी…..

अगर आपको हाई बीपी या Piles है तो आप अदरक का सेवन न करें। छीकते समय नाक पर रुमाल रखें। साफ़ सफाई का ध्यान रखें ,आराम करें।

प्राकृतिक चिकित्सा …..

रोगी के सिर पर ठंडे पानी की पट्टी रखे और 2 से 3 मिनट में बदल दे।

पेट पर ठंडी पट्टी या मिट्टी पट्टी रखें 15 मिनट। सामान्य आहार में
मौसमी फल , सलाद, अंकुरित खाए।

भीगी हुई मुन्नका का पानी पिएं।

नारियल पानी पिएं।

शहद में काली मिर्च डालकर दिन में 3 बार चांटे।

मुँह का स्वाद ठीक करने के लिए व ताकत के लिए रोज 15 से 20 किसमिस रात को भिगो कर रख दे और सुबह पानी को पी ले और किसमिस खा ले।

निम्बू की चाय पी सकते है।

अगर खांसी नही है तो ही मौसमी का जूस ले सकते है।

नोट …..

सबसे सरल उपाय और तेजी से काम करने वाला..

तुलसी जी के पौधे के नीचे से आस पास की मिट्टी लेकर उसका लेप पानी से बना कर सर पर और पैरो के तलवे मे लगा दीजिये.

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