संविदा कर्मचारियों की सेवानियमावली लागू की जाये : अतुल मिश्र
लखनऊ। विभिन्न विभागों में संविदा पर कार्यरत कर्मचारियों की सेवा सुरक्षा, विनियमितीकरण, न्यूनतम वेतन व भत्ते देने हेतु सेवा नियमावली तैयार करने के निर्देश वर्ष 2019 में ही हो चुके थे। तत्कालीन मुख्य सचिव ने कहा था कि तीन माह में प्रस्ताव तैयार कर मंत्रिमंडल में प्रस्तुत किया जाये। ताकि संविदा कर्मचारियों के साथ अन्याय न हो सके। बावजूद आजतक प्रस्ताव नहीं तैयार हुआ है। सेवानियमावली न होने की वजह से सेवा प्रदाता एजेंसी द्वारा कर्मचारियों को पूरा वेतन नहीं मिलता तथा एजेंसी जब चाहती है उन्हें हटा देती है। उनका भविष्य अंधकार में है।
सेवानियमावली बनाने की मांग
शासन से सेवानियमावली बनाने की मांग करते हुए सोमवार को राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उप्र के महामंत्री अतुल मिश्र ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा अगर शासन नहीं चेतती है तो कर्मचार आन्दोलन के लिए बाध्य होंगे। परिषद के अध्यक्ष सुरेश रावत ने शासन से मांग की है कि संविदा कर्मियों को सेवा सुरक्षा, न्यूनतम वेतन, भत्ते, बोनस, बीमा, पेंशन, मृतक आश्रित नियमावली का लाभ आदि सभी सुविधाएं अनुमान की जाए तथा विभागों में उनकी वरिष्ठता सूची बनाई जाए।
मसौदे में कई बिन्दु जोडे
अतुल मिश्रा ने बताया है कि परिषद के अथक प्रयासों से कार्मिक विभाग द्वारा तैयार मसौदे में कई बिन्दु जोडेÞ गये थे। संविदा कर्मियों की आर्थिक सुरक्षा में सेवानियमावली तैयार की जाये। संयुक्त परिषद ने मुख्यमंत्री ,उप मुख्यमंत्री एवं मुख्य सचिव से मांग की है कि कर्मचारियों के शोषण पर विराम लगाने और उनका भविष्य को अंधकारमय से बचाने के लिए सेवानियमावली लागू की जाये।
बिन्दु जोडे…
- आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की नियुक्ति हेतु सेवायोजन कार्यालय में अपना रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा।
- सेवा प्रदाता को भी रजिस्ट्रेशन कराना होगा।
- ऐसे कर्मचारियों को एजेंसी सेवा से पृथक नहीं कर पाएगी। यदि किसी को अनुशासनात्मक कारणों से सेवा मुक्त करना होगा तो उसके लिए नियुक्ति अधिकारी की अध्यक्षता में समिति दोनों पक्षों को सुनकर निर्णय करेगी।
- कर्मचारियों के न्यूनतम वेतनध्भत्ते अनुमन्य किए जाएं साथ ही वार्षिक वेतन वृद्धि दी जाए।
- सिलेक्शन कमेटी द्वारा यह सुनिश्चित किया जाए कि जिन संवर्गों की सेवा नियमावली प्रसख्यापित है उन संवर्गों के लिए आउटसोर्सिंग पर नियुक्ति प्रदान करने में सेवा नियमावली में प्रदत्त अर्हता के अनुसार नियुक्ति की जाए।
- संतोषजनक कार्य करने पर कार्मिकों का नवीनीकरण सुनिश्चित किया जाए।
- नियमित नियुक्तियों में आउटसोर्सिंग कार्मिकों है तो स्टाफ नर्स व एएनएम की भांति वरीयता कोटा निर्धारित किया जाए।
8-वर्तमान समय में प्रायःयह देखा जा रहा है कि आउट सोर्स कार्मिकों को दिए जाने वाले पारिश्रमिक की धनराशि जितनी निश्चित की जाती है वास्तविक रूप से कार्मिकों को भुगतान उससे काफी कम किया जाता है चर्चा करने पर यह स्थिति सामने आती है कि कार्मिक की निर्धारित मजदूरी से ही इपीएफ के दोनों शेयर ईएसआई का शेयर तथा सर्विस प्रोवाइडर का कमीशन काट लिया जाता है उदाहरण स्वरूप यदि सरकार किसी आउट सोर्स कार्मिकों के नाम पर रुपया 15000 प्रतिमा सर्विस प्रोवाइडर को भुगतान करती है तो उस कार्मिक को वास्तविक रूप से 9 या ₹10000 ही मिलते हैं यह स्थिति उचित नहीं है क्योंकि प्रस्ताव में इसका उल्लेख किया गया है इसे स्पष्ट किया जाए तथा आउट सोर्स कार्मिक को वास्तविक रूप से भुगतान की जाने वाली धनराशि को ही उसके पारिश्रमिक के रूप में दर्शाया जाए9. इन कर्मचारियों के नियुक्ति के आदेश जारी किए जाएंगे तथा उनकी उपस्थिति रजिस्टर में दर्ज होगी। - ऐसे कर्मचारियों को साप्ताहिक तथा आकस्मिक अवकाश, मेडिकल लीव, मातृत्व अवकाश छुट्टियां भी मिलेंगी।
- ऐसे कर्मचारियों के परिवार को सेवाकाल में मृत्यु पर मृतक आश्रित नियमावली के तहत सभी सुविधाएं देने का प्राविधान किया जाए।
- आउटसोर्सिंग/संविदा कर्मचारी नियमित रिक्त पदों पर नहीं रखे जाएंगे उन पर नियमित नियुक्तियां की जाएंगी।
- आउटसोर्सिंग/संविदा कर्मचारी नियमित रिक्त पदों पर नहीं रखे जाएंगे उन पर नियमित नियुक्तियां की जाएंगी।