अयोध्या में गोली नही चलवाना चाहते थे मुलायम
लखनऊ। मुल्ला मुलायम, धरती पुत्र और गरीबो का मसीहा आदि उपनाम है जो सपा संस्थापक एवं पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के राजनैतिक कद बढ़ाने के साथ ही उनके व्यक्तित्व को बयां करते हैं। मगर, इमसे एक छवि रामभक्तों पर गोली चलाने वाली, पूरे राजनैतिक जीवन में उनसे केचुल की तरह बनी रही, वास्तव में भ्रांति है। यह बात उन्होंने खुद राजधानी में पत्रकार से व्यक्तिगत सवाल जबाब में साझा की थी।
स्वतंत्र एवं वरिष्ठ पत्रकार शिव शंकर गोस्वामी ने बताया कि, वर्ष 1992 में हिन्दी दैनिक राष्ट्रीय सहारा में रहते हुए मुलायम सिंह का साक्षात्कार लिया था। समस्त सवालों का उन्होंने बेबाकी से सपाट जबाब दिया था। मगर उन्होंने, मेरे के प्रश्न पर रूक गये थे और बोले कि अगर समाचार में प्रकाशित न करें तो मै व्यक्तिगत तौर पर मै जबाब दे सकता हूँ। मेरे दावा विश्वास दिलाने के बाद उन्होंने बताया कि, कोई भी मुख्यमंत्री नही चाहता है कि उसकी सरकार की बदनामी हो या मुख्यमंत्री रहते गोली चलवाना पड़े। फिर भी हुआ, सरकार के साथ अधिकारी होते हैं, बहुत कुछ अधिकारियों के हाथों में होता है। मेरी ही सरकार मे हुआ है, इसलिए इंकार भी नही किया जा सकता है। स्वतंत्र पत्रकार अजय कुमार ने बताया कि वर्ष 5 दिसम्बर 1989 को मुलायम सिंह ने बतौर मुख्यमंत्री की शपथ ली थी, एक दिन बाद सात दिसम्बर को वह, मेरी बेटी की शादी में पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी को लेकर शादी समारोह में पहुंचे थे। उनका बहुत बड़ा दिल था, मेरे द्वारा कृतग्यता व्यक्त पर बोले थे कि मै अभी भी जनता दल का कार्यकर्ता हूं, आप मेरे मित्र है इसलिए तिवारी दादा को भी लाया हूं।