बलरामपुर अस्पताल में पीडियाट्रिक सर्जन ने मलदृार बनाकर नवजात को दिया जीवनदान
लखनऊ। पीडियाट्रिक सर्जन अखिलेश कुमार ने नवजात शिशु में नया मलदृार बनाकर, बलरामपुर अस्पताल को सुपर स्पेशियलिटी हॉस्टिपल आयुर्विज्ञान संस्थान व केजीएमयू की श्रंखला में खड़ा कर दिया है। प्रदेश में पहली बार किसी सरकारी अस्पताल में प्राकृतिक रूप से बंद मलदृार के स्थान पर नया मलदृार बनाया है। सर्जरी के 24 घंटे बाद गुरुवार को शिशु मलदृार से सामान्य रूप से मल त्याग करने लगा, प्राकृतिक रूप से मलत्याग करने से शिशु के जीवन पर मंडरा रहा खतरा पूरी तरह खत्म हो गया, सही माने तो शिशु के अभिवावकों का कहना है कि उनके शिशु को तत्काल उचित इलाज मिलने से बलरामपुर अस्पताल में जीवनदान मिला है। उक्त जानकारी गुरुवार को अस्पताल के सीएमएस डॉ.जी पी गुप्ता ने दी।
नय मलदृार से शिशु सामान्य रूप से नए मलदृार से मल त्याग करने लगा
डॉ.गुप्ता ने बताया कि गुरैरा बिसवा जिला सीतापुर, निवासी फारूख की पत्नी सुफियान ने 9 दिन पूर्व नवजात शिशु को जन्म दिया था। प्रसव घर पर ही हुआ था, जिसके 5 दिन बाद माता-पिता को पता चला कि उनका शिशु मलत्याग नही कर रहा है और पेट फूल रहा है और शिशु को लगातार उल्टियां हो रही थी। देखा तो ज्ञात हुआ कि शिशु में प्राकृतिक रूप से मलदृार नही बना है। शिशु की स्थिति जानलेवा हो रही थी। गांव में स्थानीय चिकित्सकों की सलाह से बच्चे की मां और दादी उसे तत्काल बलरामपुर अस्पताल लखनऊ के इमरजेंसी वार्ड में मंगलवार को लेकर पहुंची। इमरजेंसी में चिकित्सकों ने देखा और पीडियाट्रिक सर्जन डॉ.अखिलेश कुमार को दिखाया गया। डॉ. अखिलेश कुमार ने अपने अंडर में भर्ती कर तुरंत आवश्यक इलाज व जांचे कराई गई। अगले दिन बुधवार सुबह सर्जरी संपन्न किया। सर्जरी कर नया मलदृार तैयार कर दिया। सर्जरी के 24 घंटे बाद ही नय मलदृार से शिशु सामान्य रूप से नए मलदृार से मल त्याग करने लगा, इसके बाद चिकित्सक के साथ ही अभिवावकों में खुशी फैल गई। पोस्ट आपरेटिव वार्ड से बच्चे को वार्ड तीन में शिफ्ट कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि, अस्प्ताल के निदेशक डॉ.रमेश गोयल व एमएस डॉ.हिमांशु चतुर्वेदी के साथ वह स्वयं बच्चे का हाल देखने के लिए वार्ड गये थे,जहां शिशु के अभिवावकों की संतुष्टि से रूबरू हुये।
सर्जरी करने वाली टीम
पीडियाट्रिक सर्जन डॉ.अखिलेश कुमार, एनेस्थेटिक डॉ. एम पी सिंह, डॉ.चंदेल, डॉ. जूही पाल, स्टाफ नर्स उमा , महेंद्र श्रीवास्तव