भ्रष्टाचार के आरोपों का जवाब देने की जगह केजरीवाल चुनावी पर्यटन में व्यस्त हैं :आदेश गुप्ता
नई दिल्ली । भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा कि केजरीवाल आखिर इतने ईमानदार हैं तो इधर-उधर की बातें करने की जगह दिल्ली की जनता के सवालों का जवाब देकर अपने ऊपर लगे आरोपों का जवाब क्यों नहीं देते हैं। भाजपा सवाल पूछ रही है तो उनकी बौखलाहट ही है कि दिल्ली के विधानसभा में बैठकर गुजरात चुनाव की बात कर रहे हैं। आज दिल्ली सरकार का हर विभाग भ्रष्टाचार में डूबा हुआ है, उसपर एक्शन लेने की जगह केजरीवाल चुनावी पर्यटन करने में व्यस्त हैं क्योंकि उन्हें दिल्ली की जनता से कोई मतलब नहीं है।
फायदें की नीति बताने वाले केजरीवाल और सिसोदिया ने आखिर इसे वापस क्यों ले लिया?
श्री गुप्ता ने कहा कि हमारा केजरीवाल से साफ और स्पष्ट रुप से सवाल है जिसका जवाब अगर केजरीवाल दें तो शायद दिल्ली की जनता को आधे से अधिक बातों का जवाब मिल जाएगा। उन्होंने कहा कि दिल्ली में नई आबकारी नीति के बारे इतनी तारीफ करने वाले और इसे राजस्व के लिए फायदें की नीति बताने वाले केजरीवाल और सिसोदिया ने आखिर इसे वापस क्यों ले लिया? केजरीवाल शिक्षा मॉडल की बातें दूसरे राज्यों तक जाकर करते हैं कि हमने क्रांतिकारी कदम उठाए हैं, लेकिन शौचालय को क्लासरुम में गिनवाकर 500 करोड़ रुपये से अधिक बिना टेंडर के खर्च दिखाना कहां का शिक्षा मॉडल है?
श्री गुप्ता ने कहा कि 17 फरवरी 2020 को सीवीसी द्वारा भेजी गई रिपोर्ट को 2.5 वर्षों तक केजरीवाल सरकार ने दबाकर क्यों रखा? सरकार ने आखिर उस पर कार्रवाई क्यों नहीं की और आज जब भाजपा इस पर जवाब मांग रही है तो मनीष सिसोदिया कह रहे हैं कि यह भाजपा की रिपोर्ट है। उन्होंने कहा कि अपनी कमियों को छुपाने के लिए केजरीवाल सरकार ने हमेशा झूठ का सहारा लेती रही है और एक बार फिर से जब वे फंस गई है तो झूठ बोलकर अपना पल्ला झाड़ना चाहती है लेकिन इस बार उन्हें दिल्ली की जनता बिना सवालों के जवाब लिए नहीं छोड़ने वाली।
आरोपों का लिपापोती करना चाहते हैं
श्री गुप्ता ने कहा कि दिल्ली के स्कूलों में अतिरिक्त क्लासरुम चाहिए थे जो पूरे बने ही नहीं और जो बने उसमें 90 फीसदी रेट बढ़ा दिए गए। अरविंद केजरीवाल से दिल्ली की जनता जानना चाहती है कि आखिर किस आधार पर बाबर एंड बाबर का चयन किया गया। उन्होंने कहा कि दिल्ली की जनता की आंखों में धूल झोंककर, अलग-अलग मुद्दे लाकर उनका ध्यान भटकाकर केजरीवाल अपने ऊपर लगे आरोपों का लिपापोती करना चाहते हैं, लेकिन जब तक सवालों का जवाब नहीं मिल जाता तब तक केजरीवाल को विरोध और इन सवालों का सामना करना पड़ेगा।