ब्राहमणों के खिलाफ जातिसूचक अपमानजनक शब्दों का प्रयोग करने पर कानूनी कार्यवाही हो : विमल तिवारी
लखनऊ । उप्र में विभिन्न वर्गो के आरक्षण की तरह ईडब्लूएस कैटेगिरी को भी आरक्षण मिलना चाहिये , ब्राहमणों की सुरक्षा हेतु ब्राहमण एक्ट बनाया जाये। इसके तहत ब्राहमणों के खिलाफ जातिसूचक अपमानजनक शब्दों का प्रयोग करने पर कानूनी कार्यवाही हो । यह बात रविवार को राष्ट्रीय परशुराम सेना ब्रम्हवाहिनी के राष्ट्रीय अध्यक्ष विमल कुमार तिवारी ने सम्मेलन में संबोधित करते हुए कही।
प्रदेश में ब्राम्हण एक्ट व सवर्ण आयोग का गठन किया जाये
राजधानी के सहकारिता भवन के प्रेक्षा गृह में राज्य स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन में श्री तिवारी ने कहा कि प्रदेश में तमाम राजनीतिक पार्टियों द्वारा ब्राहमण प्रेम का दिखावा दिखाकर ब्राहमण समाज को छलने का काम किया जा रहा है। जबकि हकीकत है कि राजनीति पार्टियों ने अपनी सरकार के कार्यकाल में ब्राहमण हित का कोई कार्य नही किया है। ब्राहमणों का इस्तेमाल किया गया है। राष्ट्रीय अध्यक्षा सरला शर्मा ने कहा कि संगठन ने प्रदेश से ब्राम्हणों को उत्पीड़न से बचाने के लिए प्रदेश में प्रदेष ब्राहमण कल्याण बोर्ड का गठन हो,सवर्ण आयोग का गठन, ताकि ब्राहमण की सुरक्षा सुनिश्चित हो , मन्दिरों में कार्यरत पुरोहित व अन्य कर्मचारियों को उचित मानदेय ,परशुराम जयन्ती पर राष्ट्रीय अवकाष घोषित हो ,चन्द्रशेखर आजाद, रानी लक्ष्मीबाई, मंगल पाण्डे को भारत रत्न दिया जाये, मन्दिरों का अधिग्रहण बन्द हो,मन्दिरों पर टैक्स समाप्त हो आदि प्रमुख मांग करती है।
सम्मानित हुये ब्राम्हण पत्रकार
इस अवसर पर संगठन ने उप्र मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति के कोषाध्यक्ष आलोक कुमार त्रिपाठी ,देश दीपक त्रिपाठी सहित कई लोगों को सम्मानित भी किया गया।