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देश की तरक्की उन्नति उसके शोध के ऊपर आधारित होती है : दुर्गा शंकर मिश्र

लखनऊ। मुख्य सचिव उप्र व संस्थान अध्यक्ष व मुख्य सचिव उप्र दुर्गा शंकर मिश्र ने मेडिकोज व शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा, सोच हमेशा बड़ी होनी चाहिए। किसी भी देश की तरक्की उन्नति उसके शोध के ऊपर आधारित होती है शोध के क्षेत्र में चुनौतियां बहुत हैं लेकिन शोधार्थियों को उन चुनौतियों का डटकर सामना करना चाहिए। मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने सोमवार को लोहिया संस्थान के वार्षिक शोध दिवस समारोह का दीप प्रज्जवलित कर उद्घाटन किया।

शोध इस प्रकार का होना चाहिए कि वह आम आदमी के लिए प्रभावी हो

बतौर मुख्य अतिथि उन्होंने कहा कि अनुसंधान की पहली सीढ़ी है सही प्रश्न बनाना यदि हमने सही प्रश्न बना लिया तो 50 परसेंट पार यूं ही हो जाता है। कोई भी शोध इस प्रकार का होना चाहिए कि वह आम आदमी के लिए प्रभावी हो। किसी भी शोध में इज आॅफ यूज होना चाहिए। उन्होंने कहा, हमारे देश में आजादी के 75 साल पूरे कर लिए हैं अब अमृत काल की शुरूआत हो चुकी है 100 साल पूरे होने पर हमारा यह देश एक विकसित देश होगा। अनुसंधान के महत्व पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि इस बार हमारे प्रधानमंत्री ने एक नारा दिया है जय जवान जय किसान जय अनुसंधान जिसका उद्देश्य है देश को एक नए स्तर पर ले जाना एक नई सोच और नई ऊर्जा के साथ काम करना।

हार और जीत एक ही सिक्के के दो पहलू हैं : प्रो. एसके सरीन

इंस्टिट्यूट आॅफ लिवर एंड बिलिअरी साइंसेज के चांसलर एवं निदेशक प्रो. एसके सरीन ने लोहिया संस्थान के वार्षिक शोध दिवस समारोह में बतौर मुख्य अतिथि ‘‘ रिसर्च इस रिलिजन इन वे आॅफ लाइफ’’ विषय पर आॅन लाइन व्याख्यान दिया। उन्होंने कहा कि हमें रिसर्च से जुड़े एथिक्स को फॉलो करना चाहिए और जहां सच होगा वहां हार जरूर होगी। हार और जीत एक ही सिक्के के दो पहलू हैं हमें इन्हें बराबर से देखना चाहिए और हार नहीं माननी चाहिए।

81 शोध पोस्टर प्रदर्शनी द्वारा प्रस्तुत किये गये

संस्थान निदेशक डॉ.सोनिया नित्यानंद ने सभी प्रतिभागियों की सराहना की एवं छात्रों को भविष्य में इस तरह की प्रतिस्पर्धा में प्रतिभाग करने हेतु प्रेरित किया गया। समारोह का संचालन कर रही प्रो.रितु करौली ने बताया कि विभिन्न श्रेणियों में कुल 81 शोध पोस्टर प्रदर्शनी द्वारा प्रस्तुत किये गये। इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक प्रो. राजन भटनागर, डीन प्रो. नुसरत हुसैन समेत शिक्षक, रेजिडेंट्स व एमबीबीएस छात्र-छात्राएं मौजूद रहीं।

उपलब्धि
पिछले एक वर्ष में संस्थान द्वारा चार नए पेटेंट (तीन न्यूरो सर्जरी विभाग और एक आॅथोर्पेडिक हड्डी रोग विभाग) के आवेदन किये गये। इसके अलावा चार नई किताबें तथा अंतरराष्ट्रीय लेखन पर 13 नए चैप्टर प्रकाशित करने हेतु संस्थान के संकाय सदस्यों को बधाई दी और यह संस्थान के कीर्तिमान में एक नई उपलब्धि बताया।

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