40 प्रतिशत आरक्षण नहीं, महिलाओं की 50 प्रतिशत हिस्सेदारी हो: प्रियंका गांधी
फेसबुक लाइव, वर्चुअल संवाद किया प्रियंका गांधी ने
लखनऊ। मेरी दादी इंदिरा गांधी मेरी प्रेरणा हैं। मैं उनसे भी प्रभावित हूं। इंदिरा गांधी एक सभा में भाषण दे रही थी तभी पथराव हो गया। उन्हें एक पत्थर आकर नाक पर लगा। फिर भी वे पीछे नहीं हटीं। बल्कि फिर से खड़ी हुईं, भाषण पूरा किया। इंदिरा गांधी साहस की मिसाल थीं। उन्होंने हमेशा सही निर्णय लिया। वे आयरन लेडी थीं लेकिन उतनी ही मजाकिया थीं। हमारे साथ खेलती थीं। साथ ही उनमें धैर्य, निडरता, वीरता थी। वे महिला सशक्तिकरण की भी मिसाल हैं। उसी तरह की,वर्तमान में न्यूजीलैंड की महिला प्रधानमंत्री जैसिंडा अर्डर्न मुझे बहुत पसंद हैं। वह बहुत मजबूत हैं, जनता से अच्छी तरह जुड़ती हैं। वे बहुत नेचुरल रहती हैं। यह बात शनिवार को फेसबुक लाइव द्वारा वर्चुअल संवाद में कांग्रेस महासचिव श्रीमती प्रियंका गांधी ने बताई।
हम महिलाओं में सहने की शक्ति है, लेकिन …
श्रीमती प्रियंका गांधी ने कहा, मैं बार बार कहती हूं कि अगर आपको महिलाओं को सशक्त बनाना है तो ये एक गैस सिलेंडर वाली प्रथा बंद होनी चाहिए। हमने अपने शक्ति विधान में महिलाओं के लिए काफी कुछ लिखा है कि हम उनके लिए क्या करना चाहते हैं। दूसरा ये है कि हमारा सशक्तिकरण कैसे होगा? हमसे कहा जाता है कि सहने की आदत बना लो। ये सही है कि हम महिलाओं में सहने की शक्ति है, लेकिन महिलाओं के अपनी शक्ति पहचाननी होगी। महिलाओं को अपने हक के लिए लड़ना होगा।
उन्होंने कहा कि अत्याचार के खिलाफ लड़ रही पीड़िताओं से प्रेरणा लेकर ही ये नारा निकला है कि लड़की हूं लड़ सकती हूं। महिलाओं की बहुत बड़ी फोर्स हैं। अगर ये फोर्स एकजुट हो जाए तो परिवर्तन निश्चित है। दरअसल महिलाओं के लिए 40 प्रतिशत आरक्षण सही भागीदारी नहीं है। सही है कि ये हिस्सेदारी 50 प्रतिशत होनी चाहिए।