पीजीआई डाक्टरों ने गले की नस से फुला दिया हार्ट का वाल्व
लखनऊ। संजय गांधी पीजीआई के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ.रूपाली खन्ना ने शुक्रवार को गले की नस के रास्ते जाकर सिकुड़ चुका वाल्व सामान्य कर दिया। अमूमन यह बैलून डायलेटेशन प्रक्रिया अपनाने में दुनिया भर के चिकित्सक परहेज करते हैं और मरीज को ओपन हार्ट सर्जरी के जोखिम से गुजरना पड़ता है।
बायां वाल्व सिकुड़ चुका था, जिसे फुलाया जाना जरूरी था
डॉ.रूपाली खन्ना ने बताया कि 25 वर्षीय युवती कुसुम के हृदय का बायां माइट्रल वाल्व सिकुड़ चुका था, जिसे फुलाया जाना जरूरी था। सामान्यतया यह बैलून डायलेटेशन की प्रक्रिया पैरों की फीमोरल नस के रास्ते की जाती है, मगर युवती की पैरों की नसे भी असमान्य थी, जिसकी वजह से संभव नही था, लिहाजा जीवन रक्षा में ओपन हार्ट सर्जरी या गले की नस के रास्ते डायलेटेशन किया जाये। एनेस्थेटिक डॉ.अमित रस्तोगी के सहयोग मिलने के बाद गले की नस के रास्ते डायलेटेशन करने का निर्णय लिया और बहुत सावधानी पूर्वक प्रक्रिया संपन्न की, प्रक्रिया से मिटरल वाल्व को फुला कर चौड़ा कर दिया। इस प्रक्रिया से मरीज को ओपन हार्ट के खतरे,सर्जरी उपरांत अस्पताल में रहने का दर्द व मंहगे इलाज से बचाना संभव हो सका। मरीज पूर्णयता स्वस्थ्य है अगले एक या दो दिन में छुट्टी कर दी जायेगी।