हाथ में ताकत कम पड़ रही है,तेल मालिश न कराईये, डाक्टर के पास जाईए अन्यथा अपंग होे जायेंगे
हाथ में ताकत कम पड़े तो तत्काल पहुंचे सर्जन के पास : प्रो. पीएस भंडारी
लखनऊ। बाइक एक्सीडेंट में हेलमेट से जान तो बच जाती है, मगर कई बार हाथ व कंधे की नसें खींच जाती हैं और हाथ में ताकत कम होने लगती है। समय के साथ हाथ लकवा ग्रस्त हो जाता है। व्यक्ति अपंग हो जाता है। ऐसे मरीजों में समय रहते माइक्रोसर्जरी कर, नसों को पुन: व्यवस्थित कर दिया जाये तो व्यक्ति को अपंग होने से बचाया जा सकता है। यह बात गुरुवार को केजीएमयू में प्लास्टिक सर्जरी विभाग के 45 वें स्थापना दिवस पर समारोह में हल्दृानी के ब्रि.प्रो.पी एस भंडारी ने दी।
जागरूकता के अभाव में फिजियोथेरेपी कराते रहते हैं
ब्राउन हाल में आयोजित, स्व.प्रो.एस के भटनागर स्मृति व्याख्यान में प्रो.भंडारी ने बताया कि 20-22 वर्ष के युवाओं में मोटरसाइकिल का क्रेज होता है, दुर्घटनाएं भी होती हैं। कई मरीजों में कंधा व हाथ उखड़ जाता है। वे, जागरूकता के अभाव में फिजियोथेरेपी कराते रहते हैं, और समय के साथ उनके हाथ की ताकत खत्म हो जाती है और हाथ लुंज या अपंग हो जाता है। उन्होंने बताया कि वास्तव में स्पाइनल कार्ड से हाथों में 5 नसे होती हैं, इनमे से अगर 2-3 नसें ही उखड़ी हैं तो उन्हें 2-3 माह में ही माइक्रोसर्जरी से,सामान्य बनाया जा सकता है। अगर, पांचों नसे भी उखड़ी हैं तो उन्हें भी बहुत हद तक, लकवा ग्रस्त होने से बचाया जा सकता है।
इमरजेंसी में हड्डी रोग विशेषज्ञ के साथ प्लास्टिक सर्जन को इलाज करना चाहिये
प्लास्टिक सर्जरी विभागाध्यक्ष प्रो.बृजेश मिश्र ने, अमृतसर के डॉ.रवि महाजन के व्ख्यान की जानकारी देते हुए बताया कि, दुर्घटना ग्रस्त जिन मरीजों में हड्डी टूट के साथ ही, मांसपेशियां गायब हो गई हो, ऐसे मरीजों का इलाज इमरजेंसी में हड्डी रोग विशेषज्ञ के साथ प्लास्टिक सर्जन को करना चाहिये। उन्होंने बताया हड्डी जोड़ने के बाद, हड्डी को ढकने के लिए, ग्राफ्टिंग की जानी आवश्यक है। समय रहते सर्जरी हो जाने से परिणाम बहुत बेहतर मिलते हैं। समारोह का उद्घाटन कुलपति ले.ज.डॉ.विपिन पुरी ने दीप प्रज्जवलित कर किया। बतौर विशिष्ट अतिथि अटल बिहारी चिकित्सा विश्वाविद्यालय के निदेशक डॉ.एके सिंह, प्रो.एसडी पाण्डेय, डॉ.सुरजीत भट्टाचार्य, डॉ.राजीव अग्रवाल, डॉ.अंकुर भटनागर व डा.राजकुमार मिश्रा आदि विशेषज्ञ मौजूद रहें।