प्री मेच्योर व कम वजन के शिशुओं के आंतरिक अंग नाजुक होते हैं : डॉ.सलमान खान
15 से 21 नवम्बर तक मनाएं जा रहे नवजात शिशु देखभाल सप्ताह
लखनऊ। नवजात शिशु बहुत कोमल अर्थात आंतरिक अंग भी बहुत कमजोर होते हैं। करीब 6 माह में आंतरिक अंगों में मजबूती आ जाती है और आहार का पाचन करना शुरु कर देते हैं। इसलिए शुरुआती छह माह तक शिशुओं को केवल मॉ का दूध ही देना चाहिये, बच्चा भूखा न रहें और शरीर को आवश्यकतानुरूप प्रोट्रीन मिलती रहें,इसके लिए हर 3 घंटे बाद स्तनपान कराने रहना चाहिये। यह जानकारी बुधवार को विरांगना अवन्ति बाई महिला चिकित्सालय में नवजात शिशु देखभाल सप्ताह में आयोजित जागरूकता संगोष्ठी में बाल रोग विशेषज्ञ डॉ.सलमान खान ने दी।
छह माह तक शिशु को हर 3 घंटे के अंतराल पर स्तनपान कराएं
अस्पताल की ओपीडी हाल में आयोजित जागरूकता कार्यक्रम में अस्पताल की प्रमुख चिकित्सा अधीक्षिका डॉ.सीमा श्रीवास्तव ने बताया कि प्री मेच्योर बच्चों को खास ख्याल रखना होता है। इन बच्चों को शुुरुआती छह माह तक प्रत्येक 2 -2 घंटे पर स्तनपान कराना चाहिये, क्योंकि इन बच्चों में , सामान्य बच्चों की अपेक्षा पाचन कमजोर होता है और दूध का सेवन भी कम कर पाते हैं, क्योंकि इनके पेट में जगह कम होती हैं और दूध खींचने में कमजोर होते हैं।
सीएमएस डॉ.रश्मि मिश्रा ने बताया कि कम वजन के बच्चों को भी 2-2 घंटे पर स्तनपान के साथ ही, निर्देशानुसार टीकाकरण समय पर कराते रहना चाहिये। इसके अलावा प्री मेच्योर बच्चों को कंगारु मदर केयर तकनीक से, उन्हें गर्माहट देते रहना चाहिये।
मौजूद रही
बाल रोग विशेषज्ञ डॉ मोहित कुमार, सिस्टर इंचार्ज किरन लता सोनकर, सिस्टर मंजू शर्मा , हेल्प डेस्क मैनेजर मोहम्मद आसिफ, स्टाफ नर्स आभा शर्मा, इंटर्न चिकित्सक और स्टाफ नर्स ट्रेनी उपस्थित थे ।