भारत को हिन्दू सनातन राष्ट्र बनाने के लिए सनातनियों को जोडेÞगा ब्रम्ह सागर : कै.एस के दिृवेदी
सनातन धर्म मंथन शिविर 20 व 21 नवम्बर को अयोध्या में
मंथन शिविर में दर्शनार्थ मौजूद होंगे जगद्गुरु शंकराचार्य
लखनऊ। देश भर के सनातनियों को जोड़ने का काम करेगा, नवगठित ब्रम्ह सागर संगठन। यह संगठन, सनातन धर्म की विलुप्त होती संस्कृति को पुन: स्थापित करने का कार्य करेगा। इसके लिए अपनी स्थापना के बाद बीते 4 माह में पूरे देश भर में ब्राम्हण संगठनों से संपर्क अभियान में लगा है और सैकड़ों संगठनों के जुड़ने के उपरांत, जगदृगुरु शंकराचार्य निश्चिलानंद सरस्वती की अध्यक्षता में 20 व 21 नवम्बर को अयोध्या में संगठन का मंथन शिविर आयोजित किया जायेगा। यह जानकारी ब्रम्ह सागर संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष कै.एस के दिृवेदी ने बुधवार को पत्रकार वार्ता में दी।
सनातनियों के उत्थान, विकास व सम्मान की रक्षा करेगा
लखनऊ स्थित निजी होटल में आयोजित पत्रकार वार्ता में सेवा निवृत्त आईएएस व कै. दिृवेदी ने बताया कि हमारा संगठन, देश ही नही विदेशों में निवास कर रहें सनातनियों के उत्थान, विकास व सम्मान की रक्षा करेगा। उन्होंने बताया कि संगठन का उदÞदेश्य है कि ब्राम्हण समाज का युवा अशिक्षित न रहें और न ही बेरोेजगार रहें। इसके लिए समस्त संभव प्रयास किये जायेंगे। पूर्व आईएएस चंद्रिका प्रसाद तिवारी ने बताया कि संगठन, निरंतर समाज सेवा कार्य में व्यस्त है। लखनऊ में 48 ब्राम्हण संगठन हैं और यूपी में लगभग 350 संगठन हैं, बहुतों से संपर्क हो चुका है और सभी साथ में आ चुके हैं, अन्य से संपर्क किया जा रहा है। इसी प्रकार राजस्थान, बंगाल व अन्य प्रांतों में संचालित हो रहें संगठनों को जोड़ा गया है।
बृहद स्तर पर सनातनियों का विकास प्रशस्त किया जायेगा : पं. विजय त्रिपाठी
उन्होंने बताया कि सभी संगठनों के साथ बैठकर सनातनियों के विकास और मूलभूत आवश्यकताएं पूर्ण करने और गुरुकुल पद्धति को पुन: स्थापित कर, युवाओं को संस्कारी बनाये जाने का मार्ग प्रशस्त किया जायेगा। कानपुर से आये प्रकांड ज्योतिशाचार्य पं. विजय त्रिपाठी ने बताया कि कानपुर में ब्राम्हण संगठन का अध्यक्ष हूॅ, मेरा संगठन कोरोना काल के प्रभावित परिवारों को हर स्तर पर सहयोग करता आया है और गरीब ब्राम्हण परिवारों की बच्चियों को शिक्षा और विवाह कराने का प्रबन्ध करता आया है। इस संगठन के साथ मिलकर, बृहद स्तर पर सनातनियों का विकास प्रशस्त किया जायेगा।