दिनचर्या को समग्र स्वास्थ के सिद्धांत से व्यवस्थित करें : डॉ.एमएलबी भटट्
लखनऊ। समुद्र मंथन से उत्पन्न भगवान धन्वन्तरि को धरती पर पहला वैद्य या शल्य चिकित्सक माना जाता है। इनके हाथ में विराजे यंत्रों का स्वास्थ्य में विशेष महत्व है। समग्र स्वास्थ्य की पुंज हैं धन्वन्तरि। हमे आरोग्य रहने के लिए अपनी जीवन शैली को होलिस्टिक हेल्थ के सिद्धांत से जोड़ना चाहिये। यह बात मंगलवार को धनतेरस अवसर पर आरोग्य भी रती, अवध प्रांत द्वारा केजीएमयू में आयोजित सेमिनार में पूर्व कुलपति एवं रोडियोथेरेपी विभागाध्यक्ष डॉ.एमएलबी भटट् ने कही।
हम आरोग्य हो सकते हैं
रेडियोथेरेपी विभाग के सेमिनार कक्ष में संपन्न सेमिनार में डॉ.भटट् ने कहा कि स्वस्थ्य जीवन शैली, नियमित व्यायाम, स्वच्छ पेय जल, स्वच्छ भोजन, स्वच्छता के माध्यम से हम आरोग्य हो सकते हैं। सेमिनार में पहला सुख निरोगी काया का संबोधन करते हुए मुख्य अतिथि डॉ.अशोक वार्ष्णेय ने बताया कि चिकित्सक को कभी भी भेदभाव नही करना चाहिये। हम सभी को संकल्प लेना चाहिये कि सभी को स्वस्थ रहने के लिए प्रेरित करें। कार्यालय अध्यक्ष डॉ.बीएन सिंह ने स्वस्थ्य रहने का मतलब केवल दीर्घायु ही नहीं है, बल्कि शिक्षा का विकास भी है। डॉ.विनोद जैन ने बताया कि स्वास्थ्य ही हमारा धन है। इसकी रक्षा करना हमारा कर्तव्य है।
मौजूद रहें
सेमिनार में डॉ.अभय नारायण समेत 30 जनपदों से अधिक, उत्तराखंड से भी लोग वर्चुअल माध्यम से जुडेÞ रहें। कार्यक्रम का संचालन सोनिया शुक्ला, राघवेन्द्र शर्मा, शालिनी गुप्ता, अनामिका राजपूत, रश्मि वर्मा एवं अकांक्षादीप का सहयोग रहा।
केजीएमयू में हुआ सांस्कृतिक कार्यक्रम
लखनऊ। दीपावली की पूर्व संध्या पर केजीएमयू में पैरा चिकित्सा विज्ञान संकाय की छात्राओं द्वारा सांस्कृतिक समारोह का आयोजन किया गया। समारोह में दीपोत्सव की खुशियों को नृत्य की विभिन्न मुद्राओं में प्रस्तुत किया। कलाम सेंटर में आयोजित कार्यक्रम में डीन प्रो.आर एन श्रीवास्तव, डीन पैरामेडिकल प्रो.विनोद जैन समेत अन्य कई शिक्षक मौजूद रहें, शिक्षकों ने छात्र-छात्राओं को जीवन में संघर्ष करने के लिए प्रेरणा स्त्रोत संबोधित भी किया।