भारत में 100 करोड़ डोज पूरे होने पर CM योगी ने कहा- कोरोना वायरस की हार तय है
कोरोना वायरस संक्रमण के खिलाफ सबसे बड़ा हथियार बने कोरोना वायरस टीकाकरण में भारत ने सौ करोड़ का आंकड़ा पार कर लिया. इस अवसर पर पीएम मोदी और सीएम योगी ने देशवासियों को बधाई दी है.
स्वास्थ्यकर्मियों को बधाई
PM मोदी ने कहा कि देश को सौ करोड़ डोज का सुरक्षा कवच मिला है. हम सभी को मिलकर कोरोना महामारी को जल्द हराना होगा. इसके साथ ही उन्होंने सौ करोड़ डोज का आंकड़ा छूने पर सभी स्वास्थ्यकर्मियों को बधाई दी है. हर जिले में मेडिकल कालेज बनाने पर भी जोर दिया है. उन्होंने कहा कि कैंसर की करीब 400 दवाओं के दाम उनकी सरकार ने कम किए हैं.
स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और लाभार्थियों से मुलाकात
सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को दस महीने में सौ करोड़ के टीकाकरण पर बधाई देने के साथ ही उनका आभार भी जताया है. इस दौरान वे सरस्वती शिशु मंदिर, निरालानगर में स्थापित कोरोना वायरस टीकाकरण केन्द्र पहुँच कर वहां पर मौजूद स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और लाभार्थियों से मुलाकात करने के साथ उनका अनुभव भी प्राप्त किया.
कोरोना वायरस संक्रमण की हार तय है
सीएम योगी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि देश में अब तक रिकॉर्ड सौ करोड़ कोविड टीके का सुरक्षा कवच प्रदान किया जा चुका है. ये आदरणीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व, प्रतिबद्ध स्वास्थ्यकर्मियों के परिश्रम और अनुशासित नागरिकों की सहभागिता का सुफल है. अब तो देश में कोरोना वायरस संक्रमण की हार तय है. बता दें कि भारत में वैक्सीनेशन की शुरुआत 16 जनवरी 2021 में हुई थी. और आज 21 अक्टूबर 2021 को देश ने 100 करोड़ टीकाकरण का आंकड़ा पार कर लिया है.
WHO ने दी बधाई
100 करोड़ टीकाकरण का आंकड़ा पार करने पर भारत को विश्व स्वास्थ्य संगठन(WHO) ने बधाई दी है. WHO की दक्षिण-पूर्व एशिया की क्षेत्रीय निदेशक डॉ पूनम खेत्रपाल सिंह ने भारत को बधाई देते हुए कहा कि भारत को एक और मील का पत्थर साबित करने के लिए बधाई एक अरब वैक्सीन डोज लगाई गई है. कम समय में असाधारण उपलब्धि मजबूत राजनीतिक नेतृत्व, अंतर-क्षेत्रीय अभिसरण, संपूर्ण स्वास्थ्य और फ्रंटलाइन कार्यबल के समर्पित प्रयासों के बिना संभव नहीं थी. भारत की प्रगति को देश की सराहनीय प्रतिबद्धता के संदर्भ में देखा जाना चाहिए और ये सुनिश्चित करने के प्रयास किए जाने चाहिए कि ये जीवन रक्षक टीके विश्व स्तर पर उपलब्ध हों.