पीलीभीत में आई बाढ़, दिल्ली-लखनऊ हाईवे पर बस-ट्रक डूबे, सेना ने शुरू किया रेस्क्यू ऑपरेशन
उत्तराखंड में लगातार बरसात के कारण गंगा का जलस्तर खतरे के निशान पर आ गया है. जिससे उत्तर प्रदेश के बिजनौर, मेरठ, हस्तिनापुर सहित आसपास के इलाकों में गंगा उफान पर है. पानी गांवों में आ चुका है.
करीब पांच सौ ग्रामीण बाढ़ में फंसे
पीलीभीत जिले में शारदा पार बाढ़ में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए सेना का आपरेशन रेस्क्यू शुरू हो गया है. दो बार में अब तक 26 ग्रामीणों को एयरलिफ्ट करके सुरक्षित निकाला जा चुका है. शारदा पार गुन्हान, गोरखडिब्बी व धुरिया पलिया में करीब पांच सौ ग्रामीण बाढ़ में फंसे हुए हैं. बतादें कि रात में ही डीएम पुलकित खरे ने उच्चाधिकारियों से संपर्क करके बरेली से सेना का हेलीकाप्टर सैनिकों के साथ मंगवाया और आज बुधवार को सुबह आठ बजे सेना के जवानों ने हेलीकाप्टर से रेस्क्यू आपरेशन शुरू कर दिया है.
नेशनल हाईवे दिल्ली – लखनऊ हुआ बंद
इज्जत नगर रेल मंडल के कई जगह रेलवे ट्रैक पानी में डूब गए है. यहां 21 ट्रेनें निरस्त की गई हैं. मुरादाबाद में रामुपर की सीमा से थोड़ा पहले गणेशघाट में हाईवे पर 10 फीट तक पानी आ गया है. यहां हाईवे का करीब एक किमी का हिस्सा पूरी तरह पानी में डूब गया है. जिसकी वजह से रोडवेज की बसें और ट्रक समेत कई वाहन यहां पानी में डूब गए हैं. हालांकि अबतक किसी यात्री के हताहत होने की सूचना नहीं है. हाईवे में पानी की वजह से नेशनल हाईवे दिल्ली – लखनऊ को फिलहाल बंद कर दिया गया है.
सभी को सुरक्षित ढंग से लाने में समय लगेगा
कई गांवो में तटबंध टूटने के कारण पानी घरों में आ चुका है. दर्जनों गांवों के संपर्क मार्ग मुख्यालय से कट चुके हैं. सेना के जवानों का कहना है कि शारदा पार के गांवों में लगभग पांच सौ ग्रामीण फंसे हुए हैं. सभी को सुरक्षित ढंग से लाने में समय लगेगा. उधर पीलीभीत सांसद वरुण गांधी ने मुख्यमंत्री याेगी आदित्यनाथ काे पत्र लिखकर बारिश और बाढ़ से प्रभावित किसानों के लिए विशेष पैकेज दिए जाने का अनुरोध किया है.
वरुण गांधी ने सीएम योगी को लिखा पत्र
वरुण गांधी ने पत्र में कहा कि उनका संसदीय क्षेत्र कृषि बाहुल्य है. जिसके अंतर्गत पीलीभीत, बरखेड़ा, बीसलपुर, पूरनपुर व बहेड़ी आते हैं. इन सभी क्षेत्रों में दो दिन से बाढ़ के कारण बहुत ज्यादा नुकसान हुआ है. किसानों के खेतों में पके हुए धान की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी है. इसके अलावा गन्ना व अन्य फसल भी बर्बाद हो चुकी है. काफी संख्या में किसानों के पशुओं का भी नुकसान हुआ है. सरकार से अनुरोध है कि किसानों की फसल और पशुओं के नुकसान का सर्वे कराकर किसानों को हुई क्षति का मुआवजा और फसल बीमा देने एवं पीलीभीत व अन्य आसपास के जिलों के लिए विशेष पैकेज दें. इस संकट की घड़ी में किसानों को आर्थिक सहायता की सख्त जरूरत है.