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आयुष्मान भारत योजना में बड़ा फ्रॉड…

अधिकारियों के आधार लिंक मोबाइल नंबरों में हेराफेरी, FIR दर्ज

, लखनऊ।: राजधानी लखनऊ स्थित स्टेट एजेंसी फॉर कॉम्प्रेहेंसिव हेल्थ एण्ड इण्टीग्रेटेड सर्विसेज (साचीज) में एक बार फिर साइबर क्राइम का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। इस बार आयुष्मान भारत–प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना एवं मुख्यमंत्री जन आरोग्य अभियान संबन्धित अधिकारियों और कर्मचारियों के आधार से लिंक मोबाइल नंबरों को पोर्टल से हटा कर दूसरे नंबरों पर ओटीपी प्राप्त कर कई वित्तीय मामलों को अंजाम दे डाला है, साचीज के अधिकारियों को अपडेट रिक्वेस्ट मैसेज से होने वाली गड़बड़ तो समझ में आ गयी है, मगर हो चुके नुकसान का आंकड़ा नहीं जुटा पाए हैं। हालांकि स्टेट नोडल अधिकारी डॉ.सचिन वैश्य द्वारा हजरतगंज थाने में प्राथमिकी दर्ज करा दी गयी है।

साचीज की मुख्य कार्यपालक अर्चना वर्मा ने बताया कि पिछले एक माह के भीतर यह पाया गया कि साचीज में कार्यरत आयुष्मान योजना से संबद्य कई अधिकारियों-कार्मिकों के आधार से जुड़े मोबाइल नंबरों को बिना अनुमति बदलकर राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) के पोर्टलों पर फर्जी नंबरों से अपडेट कर दिया गया। इन नकली मोबाइल नंबरों पर ओटीपी प्राप्त कर अनधिकृत तरीके से लॉगिन किया गया और सरकारी पोर्टलों पर संदिग्ध गतिविधियाँ की गईं।


फर्जी ओटीपी के ज़रिए पोर्टल में प्रवेश


उन्होंने बताया कि शुरूआती जांच में पता चला हैं कि यह पूरा मामला साइबर क्राइम का है, फर्जी मोबाइल नंबर के माध्यम से आधार कार्ड से जुड़े पोर्टल में पहुंच कर छेड़छाड़ किया गया है। इससे सरकारी सेवाओं, बैंकिंग लेनदेन और डिजिटल प्रक्रिया में गंभीर खतरा भी उत्पन्न हो गया है।
चेतावनी के साथ सुरक्षा सिस्टम को किया सुदृढ़
अर्चना वर्मा ने बताया कि साचीज ने इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने हेतु पोर्टल्स की सुरक्षा बढ़ाने और अनधिकृत लॉगिन को रोकने के लिए कई कदम उठाए हैं। इसके लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के साथ समन्वय स्थापित कर पोर्टल्स की सुरक्षा प्रणाली को और सुदृढ़ किया जा रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार आईपी एड्रेस मैपिंग की प्रक्रिया एनएचए द्वारा पूरी कर ली गई है। साथ ही उन्होंने स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि कोई व्यक्ति या संस्था फर्जी तरीके से आयुष्मान कार्ड बनाती है या इस प्रकार की गतिविधियों में शामिल पाई जाती है, तो उनके विरुद्ध कठोर वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।


इनसेट-
पूर्व में फसे अस्पताल सूची से बाहर


मालूम हो कि इसके पूर्व जून माह में तकनीकी गड़बड़ी से 39 अस्पतालों को 9.94 करोड़ का भुगतान हो गया था, जिसे न केवल वापस वसूला गया बल्कि सभी अस्पतालों को आयुष्मान योजना की सूचीबद्धता से हटा दिया गया है।

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