अंगदान जागरूकता बढ़ानी बहुत जरूरी है: आनन्दीबेन पटेल
12 वें भारतीय अंगदान दिवस के अवसर पर, राज्य अंग और ऊतक प्रत्यारोपण संगठन उप्र और एसजीपीजीआइ लखनऊ द्वारा वेबिनार संपन्न
लखनऊ। उप्र की राज्यपाल श्रीमती आनन्दीबेन पटेल ने कहा कि भारतीय संस्कृति में मानव अंगदान को बहुत उत्कृष्ट कार्य माना गया है। कोई भी व्यक्ति मृत्युपरांत अपने अंगों को दान कर, जरूरतमंद मरीज व्यक्ति का जीवन बचा सकता है। विडंबना है अंगदान के अभाव में भारत में प्रतिवर्ष 5 लाख मरीजों की मृत्यु हो जाती है। जिसमें 2 लाख मौतें लिवर न मिलने से, 50 हजार मौतें हृदय के अभाव में, 1.5 लाख किडनी के अभाव में हो रही हैं। जरूरत है जागरूकता की और ज्यादा से ज्यादा अंगदान को बढ़ावा देने की है।
पीजीआई अंग प्रत्यारोपण की जिम्मेदारी को निभा रहा है
राज्यपाल श्रीमती पटेल, शनिवार को 12 वें भारतीय अंगदान दिवस के अवसर पर, राज्य अंग और ऊतक प्रत्यारोपण संगठन उप्र और एसजीपीजीआइ लखनऊ द्वारा आयोजित वेबिनार कार्यक्रम में बोल रही थी। उन्होंने कहाकि अंग से जरूरतमंद मरीजों का जीवन तो बचता ही है साथ ही मेडिकल छात्रों को मृत शरीर में शिक्षा प्राप्त करने का अवसर भी मिलता है। पीजीआइ निदेशक डॉ.आरके धीमन ने कहा कि संस्थान लगातार अंगदान और प्रत्यारोपण के कार्य को जिम्मेदारी से पूर्ण कर रहा है, इस कार्य को बढ़ावा देने के लिए पूरे प्रदेश में कैंपेन भी चलाई जायेगी। बेबिनार में पीजीआइ सीएमएस प्रो.गौरव अग्रवाल, पीजीआइ चंड़ीगढ़ के डॉ.वसंत रमेश, डीजीएचएस उप महानिदेशक डॉ.अनिल कुमार व पीजीआइ के न्यूरो सर्जन डॉ.राजकुमार ने बे्रन स्टेम डेथ डिक्लेरेशन विषय पर प्रकाश डाला।
50 हजार के पुरुस्कार वितरित हुये
नोडल अधिकारी डॉ.आर हर्षवर्धन ने बताया कि अंगदान को बढ़ावा देने के लिए जारूकता अभियान चलाया गया जिसमें 4 से 25 सितंबर तक स्कूलों में प्रत्येक शनिवार को पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता आयोजित की गई थी, जिसमें से 65 छात्रों को चयन कर, दूसरे चरण में पोस्टर मेकिंग के साथ ही स्लोगन लेखन की प्रतियोगिता में प्रतिभाग कराया गया। जिसमें प्रथम पुरुस्कार 20 हजार का आकृति वर्मा को, दूसरा विदुषी सिंह को 15 हजार व 10 हजार रूपये का तीसरा पुरुस्कार मारुख जाहरा ने प्राप्त किया। इसके अलावा चोयट्री बनर्जी, अकृति सम्यक, ईशु यादव, सपना कुमारी व हर्षवर्धन नाथ को प्रोत्साहन प्राइज 5-5 हजार का दिया गया।