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सहकार है तो आसान है प्रदेश की तरक्की : डॉ अरुण कुमार सिंह

सहकार भारती प्रदेश कार्यालय में बैठक संपन्न

लखनऊ,संवाददाता। प्रदेश हो या देश, उन्नति करने सहकारिता का बहुत बड़ा योगदान होता है। संस्थाएं अपने सामूहिक सहयोग से न केवल समाज की जरूरतों को पूरा करती है बल्कि स्थानीय स्तर पर बेरोजगारी दूर करती हैं। पूरे विश्वास के साथ कहता हु कि अगर वर्तमान सरकारें सहयोग करें तो प्रदेश की वन ट्रिलियन इकनॉमी होना बहुत आसान होगा। ये बातें आज दारुलसफा स्थित सहकार भारती कार्यालय में प्रदेश पदाधिकारियों ने मीडिया के समक्ष व्यक्त किए।

प्रदेश अध्यक्ष डॉ अरुण कुमार सिंह ने बताया कि सहकार भारती आराजकीय संगठन है, इसके द्वारा सहकारी आंदोलन को बढ़ाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। वर्तमान में सहकार भारती देश के 28 प्रदेश व 650 जिलों में तथा उत्तर प्रदेश के 75 जिलों 18 महानगरों मेंं गठित व कार्यरत है।

उन्होंने बताया प्रदेश में सदस्यता अभियान चलाकर 24 लाख नये सदस्यों को जोड़ने का अभियान चलाया गया है। बी-पैक्स जिन्हें उपर्युक्त नीति के अंतर्गत विकास इंजन के रूप में माना गया है, के कम्प्यूटरीकरण का कार्य भी किया जा रहा है।

Arvind dudey

प्रदेश महामंत्री अरविंद दुबे ने बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा सहकारी क्षेत्र में अध्ययन, अध्यापन एवं अनुसंधान कार्य के लिए राज्य सहकारी महाविद्यालय के स्थापना की घोषणा कर दी है। जिससे निसंदेह सहकारी नेृृतत्व विकास को बल मिलेगा।
बी-पैक्स व अन्य सहकारी संस्थाओं के आर्थिक सक्षमता हेतु यद्यिप कई योजनाए दी गयी है। किन्तु इनके परिचालन में कतिपय अधोलिखित कठिनाईयां है जिस पर शासन/विभाग द्वारा ध्यान दिये जाने की आवश्यकता है-

  1. बहुउद्देशीय पैक्स के सफल परिचालन के लिए आवश्यक आधार भूत (इन्फ्रास्ट्रक्चर) विकास के लिए प्रदेश सरकार द्वारा एक पृथक विकास फण्ड अपने बजट संसाधनों द्वारा निर्मित कर दिया जाए।
  2. अल्पावधि ऋणों पर ब्याज सहायता योजना के अंतर्गत पैक्स को देय राशि अग्रिम तौर पर दी जाए ताकि इस राशि की प्राप्ति में होने वाले विलम्ब से बी-पैक्स को हो रही आर्थिक हानि को रोका जा सके।
  3. उत्तराखण्ड, मध्य प्रदेश और कर्नाटक राज्य की भाँति फसली ऋण में राहत हेतु प्रदेश के लघु एवं सीमान्त कृृषकों को अल्पकालीन फसली ऋण शून्य ब्याज दर पर उपलब्ध कराया जाय।
  4. कृषि अल्पावधि ऋणों के लिए नाबार्ड द्वारा दिए जा रहे पुनर्वित की सीमा कुल ऋणों के 75ः तक बढ़ाई जाए ताकि पैक्स के माध्यम से आधार स्तरीय ऋण प्रवाह बढ़ाया जा सके।
  5. वर्तमान में बी-पैक्स में कर्मचारियों, सचिवों की कमी है,अधिकतर जनपदों में एक-एक सचिव के पास तीन से चार समितियों का चार्ज है जिससे बी-पैक्स का सुचारू संचालन प्रभावित हो रहा है। समिति में कर्मचारियों, सचिवों की विभाग/शासन से समुचित व्यवस्था अपेक्षित है।
  6. बी-पैक्स समितियों के कई वर्ष पूर्व निर्मिति भवन/गोदाम जर्जर स्थिति में हो गये हैं जिनमें बीज, उर्वरक आदि भण्डारित होती हैं। जिनके खराब होने की स्थिति उत्पन्न हो रही है। अतः बी-पैक्स के जर्जर कार्यालय गोदाम के मरम्मत/नव निर्माण करवाया जाय।
  7. सहकारी संस्थाओं/बी-पैक्स के कार्यालय/गोदाम जिन भू-भाग पर अवस्थिति है। उनके राजस्व अभिलेखों में अंकन के कार्य का अभियान पूर्व में चलाया गया था किन्तु ऐसे समस्त संस्थाओं के भूमि का अंकन राजस्व अभिलेखों में नही हो सका है जिसे करवाया जाय।
  8. प्रदेश में सहकारी आंदोलन के अधिनियमन हेतु सहकारी समिति अधिनियम नियमावली व सहकारी समिति कर्मचारी सेवा नियमावली को बने हुए 45 वर्ष से अधिक का समय हरो गया है। जिन्हें आंदोलन हित में वर्तमान समय के परिपेक्ष्य में हितधारकों के सुझाव सहित संशोधित/नये सिरे से अधिनियमित किये जाने की आवश्यकता है।
  9. दुग्ध उत्पादन सहकारी समितियों को किसान दुग्ध उत्पादकों द्वारा आपूर्ति किये दुग्ध मूल्य का पराग द्वारा गठित दुग्ध समितियों में आवश्यक पूँजी के अभाव में समय से भुगतान न हो पाने से किसान की आय में वृृद्धि का एक स्रोत दुग्ध उत्पादन किसी न किसी रूप में प्रभावित होता है। जिसके कारण दुग्ध उत्पादक किसान पराग की दुग्ध उत्पादन सहकारी समितियों को दूध की आपूर्ति न करके निजी संस्थाओं को आपूर्ति करने के लिए बाध्य हो जाते है। अतः सहकार भारती का सुझाव है कि किसान उत्पादक समूह के गठन व कार्य हेतु भारत सरकार द्वारा पूँजी प्रदत्त कर प्रोत्साहन की योजना की भाँति दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों को पॉच से दस लाख की पूँजी प्रदान किया जाय जिससे किसानों को दुग्ध मूल्य भुगतान समय से हो सके। जिससे पराग संस्था को भी मजबूती मिलेगी।
  10. प्रदेश में कतिपय निजी क्षेत्र यथा बजाज, सिम्भावली, व मोदी समूह की चीनीं मिल तथा सरदार नगर (गोरखपुर), शामली व देवरिया मिल द्वारा गन्ना किसानों को समय से भुगतान नहीं किया जा रहा है। शासन द्वारा निर्धारित समय (14दिन) के अनुसार इन मिलों से गन्ना किसानों को ब्याज सहित भुगतान करवाया जाय।

5 oct को सम्मेलन

सहकार भारती उ0प्र0 के बी-पैक्स प्रकोष्ठ का प्रदेश सम्मेलन दिनांक 5 अक्टूबर 2025 को चौधरी चरण सिंह सभागार, सहकारिता भवन, विधानसभा मार्ग लखनऊ में आयोजित किया गया हैं।

बैठक में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुनील गुप्ता, संगठन प्रमुख कर्मवीर सिंह और प्रदेश उपाध्यक्ष डी पी पाठक मौजूद रहे।

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