आंबेडकर को लेकर परिषद में भी हुई तीखी नोकझोंक
- स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर पूंछे गए सवालों पर नेता सदन उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक दिए विस्तृत जवाब
लखनऊ
। विधान परिषद में प्रश्न प्रहर में ही सपा सदस्य आशुतोष सिन्हा ने वाराणसी में मलेरिया ईकाई संबन्धित सवाल पूंछने के दौरान, अपना भगवान बताते हुए अंबेडकर की फोटो अपने लैपटॉप के आगे रख लिया। जिस पर भाजपा के देवेंद्र प्रताप सिंह ने कहा पोस्टर व बैनर सदन में प्रतिबन्धित है,इसे बाहर किया जाए। सत्ता पक्ष के अन्य सदस्य एवं सभापति कुंवर मानवेंद्र सिंह द्वारा आपत्ति दर्जँ कराई तो मामला बढ़ गया। उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने सपा सरकार के दौरान आंबेडकर के साथ होने वाले अन्याय की फेहरिस्त पेश करने के बाद मोदी व योगी सरकार द्वारा आंबेडकर से संबन्धित पंचस्थलों के विकास के साथ आबेडकर विश्वविद्यालय शुरू करने आदि उपलब्धियां गिना दी।
प्रश्न प्रहर में उप मुख्यमंत्री ने सपा के डॉ.मान सिंह के सवाल पर बताया कि विभिन्न बिमारियों की रोकथाम के लिए कुष्ठ रोग निवारण समेत 15 राष्ट्रीय कार्यक्रम सफलता पूर्वक संचालित हो रहे हैं। इसके अलावा रोजाना 14.30 करोड़ की ओपीडी, 57.16 लाख मरीजों को भर्ती कर उपचारित किया गया, 13 करोड़ 90 लाख पैथोलॉजी टेस्ट हुए इसके अलावा उल्ट्रासाउंड की सुविधाएं, जिसमें गर्भवती महिलाओं को प्राइवेट पैथोलॉजी में निशुल्क अल्ट्रासाउंड की सुविधा उपलब्ध करायी जा रही हैं। इनमें आठ हजार गंभीर रोगी और पांच हजार निशुल्क सर्जरी की गई है, इतना ही नहीं सरकारी अस्पतालों में आवश्यक दवाओं की पूरी फेहरिस्त है। राज्य में 25.5 हजार हेल्थ सेंटर है, साढ़े तीन हजार पीएचसी, 950 सीएचसी और 85 जिला अस्पताल हैं, जिनमें एक लाख 75 हजार रोजाना ओपीडी है, इनमें रोजाना करीब 12 हजार दुर्घटना ग्रस्त मरीज शामिल हैं। इसके अलावा कैंसर की रोकथाम के लिए एसजीपीजीआई, लोहिया इंस्टीट्यूट, केजीएमयू व कल्याण सिंह कैंसर संस्थान समेत सभी सुपर स्पेशलिटी अस्पतालों में कैंसर की स्क्रीनिंग व इलाज की सुविधा उपलब्ध है।
सपा के आशुतोष सिन्हा ने मलेरिया विभाग में समूह ग के रिक्त पदों पर नियुक्ति न होने पर सवाल उठाते हुए कहा कि जुलाई से नवंबर माह तक ही यह विभाग मरीजों को खोजता है, अन्य माह में मरीज क्यों नही चिन्हित होते है, के जवाब में नेता सदन ब्रजेश पाठक ने वाराणसी में मलेरिया ईकाई के 127 पदों में 97 पद रिक्त होने की जानकारी देते हुए बताया कि रिक्त पद समूह घ के हैं जो कि एजेंसी द्वारा रखे जाते हैं। प्रश्न प्रहर के अंत में बीजेपी के देवेंद्र प्रताप ने गोरखपुर के सरकारी मेडिकल कॉलेज में कार्यरत डॉ.माधवी सरकार द्वारा अपने पति के पैडलेगंज स्थित गैस्ट्रो लीवर चिकित्सालय का सहयोग करने का आरोप लगाते हुए कहा कि मामले की जांच कराकर कार्रवाई की जाए। नेता सदन ने कहा कि जांच में सब ठीक पाया गया है। भोजनावकास के बाद सदन में प्रमुख सचिव द्वारा पारित 12 विधेयकों को सदन की मेज पर रखा गया, जोकि सभी ध्वनिमति से पारित हो गये।
इनसेट–
वित्तीय वर्ष की गलत प्रस्तुति भेजने वाले अधिकारियों के खिलाफ होगी कार्रवाई
शिक्षक नेता ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने सिद्धार्थनगर के बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग मंत्री से कुपोषित बच्चों का आंकड़ा मांगा तो विभागीय मंत्री बेबी रानी मौर्या द्वारा वित्तीय वर्ष की गलत लिखित विस्तीय वर्ष तालिका प्रस्तुत कर दी। शिक्षक नेता ने प्रस्तुत वित्तीय वर्ष 20-2019 को परिभाषित करते आरोप लगाए कि अधिकारियों को वित्तीय वर्ष लिखना नहीं आता है, ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
सभापति कुंवर मानवेंद्र सिंह ने भी अधिकारियों की गलती महसूस करते हुए बाल विकास पुष्टाहार मंत्री को, जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिये। साथ ही ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने कहा कि पांच साल के आंकड़े और बजट रखा गया है, अगर सुविधाएं मिल रही हैं तो कुपोषित बच्चे क्यों मिल रहे हैं। इस पर नेता सदन ने कहा कि अनवरत प्रक्रिया है, धीरे धीर सफलता मिल रही है। एमएलसी ध्रुव कुमार ने नियम 105 के तहत 28 मार्च 2005 के पूर्व विज्ञापित पदों पर तैनात कर्मियों को पुरानी पेंशन योजना में आच्छादित किए जाने का सवाल उठाया, उन्होंने कि वर्ष 2000 से नियुक्त आमेलित विषय विशेषज्ञों को पेंशन न मिलने का मुद्दा उठाया।
इनसेट-
सदस्य ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने परिषद में नियम 110 के अंतर्गत सूचना दी कि केन्द्र सरकार ने कर्मचारियों एंव शिक्षकों की अधिवर्षता आयु 62 से 65 की है, प्रदेश में भी कई संस्थानों में 65 वर्ष हो चुकी है। लेकिन राज्य के विश्व विद्यालयों एवं सभी स्तर के महाविद्यालयों में कार्यरत प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर तथा माध्यमिक विद्यालयों में नही है, प्रदेश के अपने कर्मचारियों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। सभापति ने मामले को सरकार के पास भेज दिया। ध्रुव त्रिपाठी ने ही सहायक माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों एवं कर्मचारियों के भविष्य निधि का मामला उठाया, बताया कि एक अप्रैल 2014 से अधिकारियों ने अंशदान की सुविधा बंद कर दी, जिससे कर्मचारियों का भविष्य चिंताग्रस्त हो चुका है, पुन: लागू कराया जाए। कुंवर मानवेंद्र सिंह ने सरकार को संदर्भित कर दिया।