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इंसानों में बर्ड फ्लू का मिला पहला केस

बर्ड फ्लू मुर्गियोें में होने वाला संक्रमण है. यह मुर्गियों से अन्य पक्षियों को हो सकता है. इसलिए एहतियातन पशु चिकित्सा विभाग ने सीमित दायरे में आने वाले संक्रमित मुर्गियों को मारकर दफना देता है. कोशिश रहती है कि संक्रमिण अधिक न फैल पाए. इंसानों को इस वायरस से कितना खतरा है. यह सवाल हमेशा सुर्खियों में रहता है. अब दक्षिण अमेरिकी देश चिली में मानव में बर्ड फ्लू का पहला मामला सामने आया है. मंत्रालय की ओर स जारी बयान अनुसार, 53 वर्षीय व्यक्ति में H5N1 की पुष्टि हुई है. व्यक्ति में इन्फ्लूएंजा के गंभीर लक्षण थे, लेकिन जानलेवा कंडीशन जैसी स्थिति नहीं रही. पेशेंट के संकर्प में आए अन्य लोगों की जांच की जा रही है. ऐसे में एक बार फिर ये बर्ड फ्लू वायरस को लेकर चर्चा शुरू हो गई है. जानने की कोशिश करते हैं कि H5N1 के लक्षण क्या हैं और यह मनुष्यों के लिए कितना खतरनाक है?

बर्ड फ्लू एक या दो देश में नहीं है, बल्कि इसका प्रकोप कम से कम 60 देशों में देखने को मिल रहा है. इनमें भारत, ताइवान, नेपाल, पेरू, चेक गणराज्य, रोमानिया और नाइजर शामिल हैं. अब चिली भी शामिल हो गया है. संयुक्त राज्य अमेरिका और ब्रिटेन से लेकर फ्रांस और जापान तक के देशों में पिछले एक साल में एवियन फ्लू के कारण पोल्ट्री कारोबार को खासा नुकसान पहुंचा है. मुर्गियों के लिए यह संक्रमण बेहद घातक है. 48 घंटे में ही इस संक्रमण की चपेट में आकर मुर्गियों की मौत हो जाती है. मुर्गियों का डेथ रेट भी 90 से 100 प्रतिशत है. ऐसे में सवाल यही है कि क्या यह वायरस अन्य प्रजातियों को भी इसी दर से संक्रमित कर सकता है.

सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार, बर्ड फ्लू वायरस के इन्फेक्शन किसी भी व्यक्ति को अपनी चपेट में ले सकता है. ऐसा भी हो सकता है कि व्यक्ति में लक्षण न दिखें. ऐसा भी संभव है कि लक्षण कम हो और कई बार ऐसा होता है कि लक्षण बहुत अधिक सीरियस हो. पेशेंट की जान तक जा सकती हैं. WHO के मुताबिक, बर्ड फ्लू से बचाव के लिए सबसे जरूरी है कि संक्रमित पक्षी के संपर्क में बिल्कुल नहीं आना है. संक्रमित पक्षियों को मार देना चाहिए.

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