Uncategorizedअपराधउत्तर प्रदेशटॉप न्यूजमनोरंजनराजनीतिलाइफस्टाइल

अपने मंत्रियों व विधायकों पर दर्ज मुकदमे वापस लेगी योगी सरकार …

समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता अनुराग भदौरिया ने कहा

लखनऊ। यूपी की योगी सरकार अब अपने मंत्रियों और विधायकों के खिलाफ दर्ज मुकदमों को वापस लेगी। सूत्रों की मानें तो यूपी सरकार के मंत्रियों और विधायकों के खिलाफ दर्ज केस वापस लेने की प्रक्रिया जल्द ही शुरू कर दी जाएगी, क्योंकि राजनीतिक रंजिश के चलते दर्ज मुकदमों की स्क्रीनिंग का काम अंतिम दौर में है। यूपी सरकार में ऐसे कई मंत्री हैं, जिनके ऊपर इस तरह के केस दर्ज हैं।
यूपी सरकार के सूत्रों ने कहा अभी इसे लेकर स्क्रीनिंग का काम जारी है। स्क्रीनिंग की प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद यूपी सरकार अपने मंत्रियों और विधायकों के खिलाफ दर्ज सभी मुकदमों को वापस ले लेगी। हालांकि, इसे लेकर अब तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। इस बीच यूपी सरकार के इस कदम की आलोचना भी होने लगी है। समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने सरकार के इस फैसले को गलत और असंवैधानिक करार दिया है।

अपराधी प्रवृत्ति वाले मंत्री और विधायकों को बचाने में जुटी है
समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता अनुराग भदौरिया ने कहा कि बीजेपी अपने अपराधी प्रवृत्ति वाले मंत्री और विधायकों को बचाने में जुटी है। उन्होंने नोएडा के श्रीकांत त्यागी का भी हवाला दे दिया और कहा कि ग्रैंड ओमैक्स सोसाइटी में जो कुछ हुआ इसी का नतीजा है। वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता अंशु अवस्थी ने भी समाजवादी पार्टी के सुर से सुर मिलाते हुए कहा कि यह संविधान के खिलाफ है। सरकार कैसे मुक़दमे वापस ले सकती है। यह न्यायपालिका का मामला है। कोई अपराधी है या नहीं, फैसला न्यायपालिका करेगी।

योगी आदित्यनाथ के खिलाफ 22 साल पुराना मुकदमा वापस लिया 
साल 2017 में उत्तर प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ 22 साल पुराना मुकदमा वापस लिया था। यह मुकदमा 27 मई, 1995 को गोरखपुर के पीपीगंज थाने में यूपी के मौजूदा सीएम योगी आदित्यनाथ, मौजूदा केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री शिवप्रताप शुक्ल समेत 13 लोगों पर आईपीसी की धारा 188 के तहत दर्ज हुआ था। योगी सरकार ने एक कानून बनाया है, जिसके तहत 20,000 राजनीतिक मुकदमे वापस लिए जाएंगे।

Related Articles

Back to top button