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अब योगी सरकार बनायेगी परशुराम तीर्थ सर्किट…

परशुराम ब्राम्हणों के भगवान माने जाते हैं
लखनऊ । साल 2022 में जब उप्र विधानसभा चुनाव होना था उससे पहले सत्ता के गलियारों से लेकर गली-चैपालों तक यह अफवाह तैर रही थी कि योगी सरकार से ब्राम्हण वर्ग नाखुश है और इस बार के चुनाव में वह भाजपा का साथ नहीं देगा। लेकिन ऐसा हुआ नहीं और अफवाह, अफवाह ही साबित हुई। वहीं सत्ता में लगातार दूसरी बार वापसी करने के बाद योगी सरकार ने प्रदेश में परशुराम तीर्थ सर्किट बनाने का फैसला किया है। परशुराम ब्राम्हणों के भगवान माने जाते हैं। योगी सरकार की योजना के तहत परशुराम तीर्थ सर्किट का निर्माण किया जायेगा जिसमें छह जिलों के पांच तीर्थस्थल आपस में जुड़ जाएंगे। इस सर्किट के निर्माण की जिम्मेदारी लोक निर्माण विभाग को सौंपी गयी है।

परशुराम की जन्मस्थली को जोड़ेगा
परशुराम तीर्थ सर्किट हिंदुओं के आस्था के प्रमुख केंद्र नैमिष धाम, महर्षि दधीचि स्थल मिश्रिख, गोला गोकर्णनाथ, गोमती उद्गम, पूर्णागिरी मां के मंदिर की सीमा से बाबा नीम करौली धाम और जलालाबाद परशुराम की जन्मस्थली को जोड़ेगा। इस सर्किट की लंबाई 500 किलोमीटर से ज्यादा है। इस कॉरिडोर के लिए टेंडर भी हो गया है। नैमिषारण्य धाम से बाबा नीम करौली धाम तक परशुराम तीर्थ सर्किट बनेगा। इस सर्किट में आने वाले धार्मिक स्थलों का विकास भी योगी सरकार करवाएगी। इससे धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। परशुराम सर्किट के रास्ते पर जगह-जगह इन सभी तीर्थस्थलों के बारे में वर्णन और चित्रण से इस रूट को काफी खूबसूरत बनाया जाएगा। महर्षि परशुराम तीर्थ सर्किट नैमिषारण्य से महर्षि दधीचि की कर्मस्थली मिश्रिख, गोला गोकरणनाथ, गोमती उद्गम होते हुए माता पूर्णागिरी से शाहजहांपुर के जलालाबाद स्थिति महर्षि परशुराम धाम से फर्रुखाबाद के नीम करौली धाम तक बनेगा। यह सर्किट यूपी के सीतापुर, लखीमपुर, पीलीभीत, शाहजहांपुर, फर्रुखाबाद, बरेली से होकर गुजरेगा।

पीडब्ल्यूडी मंत्री जितिन प्रसाद ने परशुराम जन्मस्थली के कई दौरे किए
उल्लेखनीय है कि राज्य के लोक निर्माण मंत्री जितिन प्रसाद ने शाहजहांपुर के जलालाबाद स्थित परशुराम जन्मस्थली को पर्यटन स्थल का दर्जा दिलाने की मांग की थी। पिछले दिनों में पीडब्ल्यूडी मंत्री जितिन प्रसाद ने परशुराम जन्मस्थली के कई दौरे किए। परशुराम जन्मस्थली के महंत और पुजारियों से वार्ता की। इसके बाद नैमिषधाम के पुजारी, गोलागोकरन नाथ के पुजारी समेत कई साधू संतों से राय लेकर इस कॉरिडोर की रूपरेखा तैयार कर प्रस्ताव बना के एनएच के सहयोग से कॉरिडोर बनाने का निर्णय लिया है। इस प्रस्ताव पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से भी बैठक कर चर्चा की गई है। इसमें नैमिष के कुछ हिस्से की टेंडर प्रक्रिया हो गई है। वहीं जल्द केन्द्र से हरी झंडी मिलते ही काम शुरु कर दिया जाएगा।

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