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जानिए क्यों ? अधिक नाराज हो गए, रेजिडेंट चिकित्सक …आला अधिकारियों से मिलने के बाद

लखनऊ । अगर pgi प्रशासन गड़बड़ न करता तो सम्भवता आज रेजिडेंस चिकित्सकों को अपनी sr शिप पूरी करते ही सहायक आचार्य के पद पर पदोन्नति मिल जाती । यह बात मंगलवार को चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारियों से मुलाकात के बाद रेजिडेंट चिकित्सकों को dgme कार्यालय औऱ चिकित्सा शिक्षा विभाग कक अधिकारियों से मुलाक़ात के बाद हुई ।

सहायक आचार्य पद पर मिलेगी नियुक्ति, बशर्ते pgi चाहे तो

रेजिडेंट डॉक्टर असोसिएशन के अध्यक्ष डॉ आकाश माथुर और महासचिव डॉ अनिल गंगवार से अधिकारियों ने नेशनल मेडिकल कमीशन के निर्देश से अवगत होने के बाद, रेजिडेंस चिकित्सकों की मांग को उचित बताते हुए सार्थक सहयोग देने का आश्वाशन दिया बशर्ते pgi प्रशासन dm /mch कर चुके छात्र चिकित्सकों की सूची और संस्थान में सहायक आचार्य के रिक्त पदों की संख्या शासन को समय पर प्रेषित करें । अधिकारियों से वार्ता के बाद रेजिडेंट चिकित्सकों का pgi प्रशासन के खिलाफ गुस्सा और बढ़ गया , रेजिडेंट चिकित्सकों ने कहा अब, कल से हम लोग काली पट्टी बांधकर विरोध करेंगे । अगर PGI प्रशासन का यही रवैया रहा तो आगामी दिनों में राष्ट्रपति की उपस्थिति में होने वाले दीक्षांत समारोह का बहिष्कार करेंगे ।

बैक डेट में लेंगे अस्सिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर नियुक्ति

महासचिव डॉ गंगवार ने बताया कि पीजीआई प्रशासन द्वारा 16 अगस्त को sr पद पर सेवा विस्तार देने के साथ ही 17 अगस्त से हम सभी रेजिडेंट चिकित्सकों ने विरोध स्वरूप आंदोलन शुरू कर दिया था । आज दूसरा दिन है और नेशनल मेडिकल कमिशन के निर्देशानुसार सहायक आचार्य के पद पर नियुक्ति की मांग कर रहे हैं । उन्होंने बताया कि आज dgme को प्रेषित मांग पत्र में मांग की गई है कि भविष्य में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर मिलने वाली नियुक्ति एसआर अवधि पूर्ण करने की तिथि से ही दी जाए ताकि हम रेजिडेंट्स की ना तो सर्विस ब्रेक हो और ना ही भविष्य में वरिष्ठता क्रम को लेकर दिक्कत न हो ।

जानिए क्यों गुस्सा है मरीजों के भगवान


ज्ञात हो कि सभी रेसिडेंट डॉक्टर्स नेशनल मेडिकल कमीशन की एडवाइजरी के अनुरूप सेवा विस्तार की अवधि में सहायक आचार्य बनाये जाने को लेकर आंदोलनरत हैं तथा उनमें अत्यंत रोष व्याप्त है । रेसिडेंट्स का स्पष्ठ रूप से कहना है कि वह प्रदेश में सेवा देने के इच्छुक हैं तथा ऐसा करने हेतु उन्हें उचित पद प्रदान किया जाए । यदि संस्थान प्रशासन उचित पद मुहैया नहीं करा सकता तो इन छात्रों को सेवामुक्त करे तथा सीनियर रसिडेंट के पद पर भर्ती हेतु विज्ञापन जारी कर नियमानुसार भर्ती करे । रसिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन पदाधिकारियों ने स्पष्ठ किया कि इस दमनकारी नीति के विरुद्ध वह कल से काली पट्टी बांध कर कार्य करेंगे तथा आगामी दिनों में आंदोलन को आगे बढ़ाएंगे । जरूरत पड़ने पर माननीय राष्ट्रपति महोदय की उपस्थिति में होने वाले दीक्षांत समारोह का भी बहिष्कार किया जाएगा । इसी संदर्भ में वार्ता हेतु माननीय चिकित्सा शिक्षा मंत्री एवं प्रमुख चिकित्सा शिक्षा से भी मुलाकात का वक़्त माँगा गया है किंतु विधानसभा सत्र चलने के कारण अभी तक मुलाकात का वक़्त नहीं मिल सका है, उम्मीद है कि जल्द ही उच्च स्तरीय वार्ता कर समस्या का समाधान शासन की मध्यस्तता से किया जाएगा ।

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