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पत्रकारों के उत्पीड़न को रोकने व सुरक्षा में लखनऊ में पत्रकारों ने सौपा 15 सूत्रीय मांगो का ज्ञापन

लखनऊ। धरना प्रदर्शन को संबोधित करते हुए वर्किंग जर्नलिस्ट आॅफ इंडिया के प्रदेश अध्यक्ष पवन श्रीवास्तव ने कहा कि पत्रकारों का उत्पीड़न बर्दास्त नही होगा। कहा कि अगर तीन दिनों के भीतर बलिया जिले के निर्दोष पत्रकार साथियों को नही छोड़ा व भ्रस्ट अधिकारियों पर कार्यवाही नही किया गया तो प्रदेश भर में विशाल धरना प्रदर्शन किया जाएगा। श्री श्रीवास्तव के अगुवाई में दिनांक 07 अप्रैल को सुबह 10 बजे हजरतगंज स्थिति गांधी प्रतिमा पर पत्रकारों का हुजूम इकट्ठा होना शुरू हो गया देखते ही देखते सैकड़ो पत्रकारों ने वहाँ से पैदल मार्च निकालते हुए प्रेस क्लब होते हुए परिवर्तन चौक पर पहुँचे जहाँ पर करीब दो घंटे धरना प्रदर्शन किया गया। धरना प्रदर्शन को वरिष्ठ पत्रकार हेमन्त कृष्णा, नीरज उपाध्याय, तनवीर अहमद सिद्दीकी, सुशील दुबे ने संबोधित करते हुए पत्रकारों पर हो रहे जुल्म पर पवन श्रीवास्तव के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने का भरोसा दिलाया। उक्त अवसर पर वरिष्ठ साथी सुशील दुबे, अजय वर्मा,हेमन्त कृष्णा,हरिराम त्रिपाठी,मोहम्मद कामरान,ममता सिंह, प्रिया भट्टाचार्य, संजय आजाद,शेखर पंडित, नीरज उपाध्याय, अनिल सैनी,तनवीर अहमद ,कृष्णा मिश्रा, अनुराग, ऋषि,सैय्यद ,गिरीश खरे,शोभित शुक्ला,अम्बरीष शुक्ला सहित सैकड़ों पत्रकार उपस्थित रहे।

हम सब पत्रकारों की यह मांग है की…

1- निर्दोष पत्रकार अजीत ओझा, दिग्विजय सिंह और मनोज गुप्ता को तत्काल रिहा किया जाये

2- निर्दोष पत्रकारों पर दर्ज मुकदमे वापस लिया जाये ’

3- लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ को दमन किये जाने की नियत से की गयी कार्यवाही के लिए दोषी अधिकारीयों पर सख्त कार्यवाही हो ’

4- पेपर आउट होने के मामले में उच्च स्तरीय जाँच करा कर दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्यवाही हो, ताकि आगे से कोई भी युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ करने की हिम्मत न जुटा सके।

5- पत्रकार सुरक्षा कानून बनाया जाए।

6- मीडिया आयोग का गठन किया जाए।

7- पत्रकारों का नेशनल रजिस्टर बनाया जाए।

8- गैर मान्यता प्राप्त पत्रकारों को स्वास्थ्य सुविधाएं देने के लिये उन्हें आयुष्मान भारत योजना से जोड़ा जाए।

9- 60 साल से ऊपर के पत्रकारों को 20 हजार रुपये की मासिक पेंशन दी जाए।

10- देश मे ई-पेपर को मान्यता दी जाए।

11 -पत्रकारो को रियायती दरों पर भूखंड आबंटित किये जायें।

12- जिला स्तर पर प्रेस कल्ब व मीडिया सेन्टर बनाये जाए।

13- महिला पत्रकारो के लिये होस्टल बनाये जाए।

14-पत्रकार की आकस्मिक मृत्यु होने पर उसके परिवार को आर्थिक सहायता दी जाए।

15- मीडिया से जुड़े कानूनी मामलों के जल्द निपटारे के लिए आयोग बनाया जाए।
वर्किंग जर्नलिस्ट आॅफ इंडिया के अध्यक्ष पवन श्रीवास्तव ने योगी सरकार से इन सभी 15 सूत्री मांगों को स्वीकार करने का आहृवान किया है

जानिए क्या है बलिया पत्रकारों का मामला…
उत्तर प्रदेश बोर्ड प्रश्न पत्र लीक मामले में बलिया जनपद के 3 निर्दोष पत्रकार अजीत ओझा (अमर उजाला) दिग्विजय सिंह ( अमर उजाला ) वाह मनोज गुप्ता (राष्ट्रीय सहारा) को जेल भेजा गया है। जिला प्रशासन व शिक्षा विभाग ने अपनी नाकामयाबी छुपाने के लिए यह कार्यवाही की है। बलिया में यूपी बोर्ड परीक्षा के प्रश्न लगातार आउट हो रहे थे इसकी जानकारी जिला प्रशासन को थी आपको बताना जरूरी है कि हाई स्कूल संस्कृत विषय की परीक्षा शुरू होने के पहले ही उसकी हल कापी सोशल मीडिया के विभिन्न माध्यमों पर वायरल होने की जानकारी जिला अधिकारी व जिला विद्यालय निरीक्षक को थी। फिर भी प्रश्न पत्र पर परीक्षा कराई गई संस्कृत का प्रश्न पत्र आउट होने की खबर को सभी प्रमुख समाचार पत्रों आदि ने प्रकाशित व प्रसारित किया था ।इसी बीच 29 मार्च 2022 को इंटर के अंग्रेजी विषय का प्रश्नपत्र आउट हो गया था जिस की परीक्षा 30 मार्च 2022 को दूसरी पाली में होनी थी। 30 मार्च 2022 को ही अमर उजाला ने आउट प्रश्न पत्र के चित्र के साथ समाचार प्रकाशित कर दिया था समाचार प्रकाशित होने पर शासन ने संज्ञान लिया और 24 जिलों में परीक्षा रद्द कर दी गई । प्रश्न पत्र आउट मामले को लेकर बलिया जिला प्रशासन से सवाल जवाब करने को लेकर दोपहर तकरीबन 12:00 बजे अमर उजाला बलिया कार्यालय से शिक्षा विभाग की भीड़ देखने वाले वरिष्ठ पत्रकार अजीत ओझा को पुलिस ने जबरदस्ती गिरफ्तार कर लिया और शाम को मुकदमा दर्ज करके जेल भी भेज दिया अगले दिन अमर उजाला अखबार से जुड़े नगर के रिपोर्टर दिग्विजय सिंह और राष्ट्रीय सहारा अखबार के मनोज गुप्ता को भी पुलिस ने गिरफ्तार करके जेल भेज दिया इस विषय पर जिला प्रशासन पत्रकारों की गिरफ्तारी को लेकर उनका दोष नहीं बता पाया है।

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