स्वास्थ्य

कर्मचारी नेता प्रदीप गंगवार के विरोध की आवाज शासन तक पहुंची

कर्मचारियों के लिए मुख्यमंत्री आवास तक पेट के बल लेट कर जायेंगे कर्मचारी परिषद प्रदीप गंगवार

कर्मचारियों के लिए मुख्यमंत्री आवास तक पेट के बल लेट कर जायेंगे कर्मचारी परिषद प्रदीप गंगवार

लखनऊ। अंतत: कर्मचारियों के हितों की रक्षा करने का संकल्प ले चुके कर्मचारी नेता प्रदीप गंगवार के विरोध प्रदर्शन, मांग करने के कठिन तरीके की घोषणा से केजीएमयू प्रशासन भी पसीज गया। गुरुवार को केजीएमयू प्रशासन के रजिस्ट्रार आशुतोष कुमार दिृवेदी ने, कर्मचारी परिषद की मांग और परिषद अध्यक्ष द्वारा जमीन पर लेट कर मुख्यमंत्री आवास तक पहुंचने की घोषणा को शासन तक पहुंचा दी है। ताकि पूर्व प्रस्तावित 17 अगस्त के प्रदर्शन को टाला जा सके।

ज्ञातव्य हो कि किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) की कर्मचारी परिषद के अध्यक्ष प्रदीप गंगवार ने कैडर पुनर्गठन की मांग उठाई थी। कर्मचारियों की यह मांग बीते 5 वर्षो से लंबित है। जिसे पूरा कराने के लिए प्रदीप गंगवार ने आगामी 17 अगस्त को कुलपति कार्यालय केजीएमयू से पेट के बल लेटकर कर मुख्यमंत्री आवास तक जाने की घोषणा की थी। उक्त घोषणा को लेकर रजिस्ट्रार श्री दिृवेदी ने प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा विभाग को पत्र लिखकर इस मसले पर सम्बन्धित को आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश देने का अनुरोध किया है। ताकि उक्त दिन कर्मचारियों के विरोध के चलते केजीएमयू आने वाले मरीजों व तीमारदारों को किसी प्रकार की दिक्कत न हो।

कुलसचिव श्री दिृवेदी ने अपने पत्र में शासन को अवगत कराया कि कर्मचारियों का कैडर पुनर्गठन न होने से उनमें बेहद रोष है। अगर पुनर्गठन नहीं किया तो केजीएमयू कर्मियों ने 17 अगस्त से कड़े आंदोलन का ऐलान कर रखा है। कर्मचारी परिषद महामंत्री राजन यादव ने बताया कि इस संबन्ध में पत्र पिछले माह प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा को •ोजा जा चुका है। इसके अलावा एक माह पूर्व भी भजा चुका है। जिसमें कहा था कि पांच वर्षों से लंबित कैडर पुनर्गठन अगर एक माह में नहीं हुआ तो कर्मचारी परिषद के अध्यक्ष प्रदीप गंगवार 17 अगस्त को सैकड़ों कर्मचारियों के साथ केजीएमयू कुलपति कार्यालय से चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना के आवास होते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आवास तक पेट के बल लेटकर जायेंगे और मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपेंगे।
अध्यक्ष प्रदीप गंगवार ने बताया कि केजीएमयू के गैर शैक्षणिक कर्मियों को एसजीपीजीआई के समान वेतनमान एवं भत्ते देने के लिए 23 अगस्त 2016 को जारी शासनादेश के क्रम में संवर्गीय पुनर्गठन की प्रक्रिया 5 वर्ष उपरांत अ•ाी तक पूर्णत: लंबित है, जिससे केजीएमयू के अधिकांश कर्मियों को आर्थिक क्षति का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि 28 जनवरी 2021 को चिकित्सा शिक्षा, वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना की अध्यक्षता में चिकित्सा शिक्षा एवं वित्त विभाग के उच्चाधिकारियों के मध्य मंत्री के सचिवालय स्थित कार्यालय में इस प्रकरण पर बैठक आहूत की गई, जिसमें मंत्री द्वारा तत्कालीन अपर मुख्य सचिव डॉ रजनीश दुबे एवं अपर मुख्य सचिव, वित्त विभाग को अप्रैल माह तक 4 कैडर एवं सितंबर माह तक अधिकतम कैडर्स का संवर्गीय पुनर्गठन करने संबंधी कड़े दिशा निर्देश दिए गए थे।

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