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बिजनेस मैन प्रोएक्टिव हो एवं नुकसान सहने की सहन शक्ति भी होनी चाहिये

स्वरोजगार से संभव है भारत की 5 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था : प्रो.विनोद जैन

लखनऊ। आर्गेनिक खेती का भविष्य उज्जवल है, युवाओं को अपना भविष्य तलाशना चाहिये। आॅर्गेनिक खेती देश की जरूरत के साथ ही, दुनिया में भी डिमांड है जिसे पूरा किया जा सकता है। इससे भारत की अर्थव्यवस्था बढेÞगी। यह बात शनिवार को कलाम सेंटर में पैरामेडिकल विज्ञान संकाय एवं रेडियोडायग्नोसिस विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आजारी के अमृत महोत्सव बैनर के अंतर्गत, भारत की अर्थव्यवस्था पॉच ट्रिलियन करने के अवसर विषयक पोस्टर प्रतियोगिता में आईसीएमआर व सीएसएसआरआइ के डॉ.टी दामोदरम व डॉ.राम गोपाल ने कही।

बिजनेस मैन को प्रोएक्टिव होना चाहिये
भारत को पांच ट्रिलियन अर्थव्यवस्था, उद्यमिता और स्वरोजगार के अवसर बनाना विषयक संगोष्ठी के संयोजक, पैरामेडिकल डीन प्रो.विनोद जैन ने कहा कि बिजनेस मैन को प्रोएक्टिव होना चाहिये एवं उसमें नुकसान सहने की सहन शक्ति भी होनी चाहिये। उन्होंने कहा कि स्वरोजगार से खुद की अर्थव्यवस्था के साथ ही देश की अर्थव्यवस्थता को 5 ट्रिलियन तक पहुंचाना बहुत आसान है। कार्यक्रम का संचालन कर रही रेडियोडाइग्नोसिस विभागाध्यक्ष प्रो.नीरा कोहली ने किया और प्रो अनित परिहार एवं अन्य शिक्षक व छात्राएं मौजूद रहीं।

प्रतियोगिता में पुरुस्कृत
सोनिया शुक्ला ने बताया कि प्रतियोगिता में छात्रो द्वारा 9 कमपेटेटिव ओरल प्रेजेंटेशन दिये गए, जिमें प्रथम रूबी रानी व शुभम एवं आकांक्षा व शिव , दिृतीय स्थान पर छाया शुक्ला व श्रद्धा, तृतीय स्थान अदिति सिंह व मंजीत सिंह को दिया गया।

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