असाधारण व्यक्तित्व के धनी थे , यह भारत रत्न …
डॉ.राजेन्द्र प्रसाद ‘‘स्मारिका’’ का विमोचन व रक्तदान शिविर संपन्
लखनऊ। देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ.राजेन्द्र प्रसाद केवल, राष्ट्रपति ही नही थे बल्कि देश भक्ति के आदर्श पुरुष थे। राष्ट्रपति होने के बावजूद उनमें सादगी व मानवना इसकदर थी, कि वह अपने नौकर से भी मॉफी मांग लिया करते थे। यह बात उप मुख्यमंत्री डॉ.दिनेश शर्मा ने भारत रत्न डॉ.राजेन्द्र प्रसाद की 137 वीं जयंती पर आयोजित डॉ.राजेन्द्र प्रसाद स्मारिका का विमोचन करते हुए कही। साथ ही रक्तदान शिविर का भी शुभांरभ किया।
डॉ.राजेन्द्र प्रसाद, देशभक्ति के प्रतिबिंब थे : डॉ.दिनेश शर्मा
केजीएमयू के ब्राउन हाल में डॉ.राजेन्द्र प्रसाद मेमोरियल सोसाइटी,उप्र द्वारा डॉ.राजेन्द्र प्रसाद स्मृति समारोह व स्वैच्छिक रक्तदान शिविर में डॉ.शर्मा ने कहा कि डॉ.राजेन्द्र प्रसाद के व्यक्तित्व को शब्दों में नही बांधा जा सकता है। उनके जीवन के तमाम स्मरण हैं जो हर पल समाज को प्रेरणा देते हंैं। न्याय मंत्री ब्रिजेश पाठक व महापौर श्रीमती संयुक्ता भाटिया ने भी डॉ.राजेन्द्र प्रसाद के व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला। डॉ.राजेन्द्र प्रसाद मेमोरियल सोसाइटी की अध्यक्ष डॉ.तुलिका चंद्रा ने बतायाकि समारोह में कई स्वतंत्रा संग्राम सेनानियों के साथ ही कुलपति ले.ज.डॉ.विपिन पुरी, सीएमएस डॉ.एसएन शंखवार, रजिस्ट्रार आशुतोष दिृवेदी, एमएस डॉ.डी हिमांशु व सोसाइटी की उपाध्यक्ष्ज्ञ डॉ.पुष्पलता चंद्रा, महासचिव डॉ.सुभाष चन्द्र, सचिव डॉ.राजीव अग्रवाल, शैलेन्द्र शुक्ल, डॉ.देविशा अग्रवाल, रिषभ अग्रवाल समेत कई दर्जन गणमान्य मौजूद रहें। डॉ.चंद्रा ने बताया कि रक्तदान शिविर में एकत्र हुआ 24 यूनिट रक्त !