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विश्वविद्यालयों एवं मेडिकल कॉलेजों में हर माह लगाया जाये ‘‘ रक्तदान शिविर ’’ : श्रीमती आनन्दी बेन पटेल

विश्व एड्स दिवस पर केजीएमयू में जारूगकता रैली व समारोह
लखनऊ। उप्र की राज्यपाल श्रीमती आनन्दीबेन पटेल ने खून की कमी से जूझ रहे जरूरतमंद मरीजों को खून आपूर्ति में आ रही बाधाओं पर चिंता व्यक्त करते हुये, कहा कि प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों , मेडिकल कॉलेज व डिग्री कॉलेजों में हर माह रक्तदान शिविर लगाया जाये। खासतौर पर , वो सभी संस्थान जो उनके कार्यक्षेत्र में संचालित होते हैं। इसके लिए वह निर्देश जारी भी कर चुकी हैं।।

रक्तदान के लिए युवाओं को आगे आना चाहिये

महामहिम श्रीमती आनन्दी बेन ,केजीएमयू में ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग द्वारा आयोजित ‘‘रक्तदान एवं एड्स जागरूकता रैली’’ को रवाना करने के बाद आयोजित समारोह में संबोधित कर रही थी। उन्होंने कहा कि आंकड़े बताते हैं कि खून के जरूरतमंदों की संख्या बहुत बड़ी है, उनमें से आपूर्ति बहुत कम लोगों को पा रही है। यह गंभीर विषय है, रक्तदान को बढ़ावा देना आवश्यक है। इसके लिए युवाओं को आगे आना चाहिये, प्रत्येक डिग्री कॉलेज, मेडिकल कॉलेज , मेडिकल व डिग्री यूनिवर्सिटी समेत अन्य सभी चिकित्सकीय संस्थान जो, राज्यपाल कार्यालय के अतंर्गत संचालित होते हैं, उन सभी में प्रत्येक माह एक रक्तदान शिविर अनिवार्य रूप से लगाया जाये। साथ ही रक्तदान के संबन्ध में लोगों में जागरूकता बढ़ाएं और रक्तदान को प्रेरित किया जाये। उन्होंने कहा कि आज के बच्चे व युवाओं की स्वस्थ्यता और जागरूकता ही प्रदेश का भविष्य है। इस अवसर पर राज्यपाल श्रीमती पटेल ने, लखनऊ शहर में नौ पुलिस थानों में रक्तदान शिविर लगाये जाने और सभी थानों में रक्तदान शिविर आयोजित किये जाने के कार्य को लेकर पुलिस कमीश्नर डीके ठाकुर को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। समारोह में चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना, न्यायमंत्री ब्रिजेश पाठक, कुलपति ले.ज. डॉ.विपिन पुरी ने, रक्तदान की जरूरत और जारूकता विषय पर प्रकाश डाला। समारोह में सीएमएस डॉ.एसएन शंखवार, हेमेटोलॉजीा विभागाध्यक्ष प्रो.एके त्रिपाठी, डॉ.डी हिमांशू, डॉ.स्वास्तिका समेत कई शिक्षक मौजूद रहें।

एचआईवी पीड़िता से जन्में असंक्रमित बच्चों को किया सम्मानित
ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभागाध्यक्ष प्रो.तुलिका चंद्रा ने बताया कि एचआईवी दंपति, खास तौर पर संक्रमित प्रसूताओं से जन्में 10 बच्चों को सम्मानित किया गया है। उन्होंने बताया कि चिकित्सा विज्ञान में एचआईवी बचाव में बेहतर उपचार प्रबन्धन केजीएमयू में उपलब्ध हैं, यहां पर संक्रमित दंपतियों ने चिकित्सीय प्रबन्धन में असंक्रमित बच्चों को जन्म दिया है।

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