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मांगे माने, नही तो 27 नवंबर को जूलूस, 9 दिसंबर से हड़ताल, चुनाव में होगा विरोध

कर्मचारी शिक्षक संयुक्त मोर्चा के आंदोलन को इप्सेफ ने समर्थन दिया

लखनऊ। कर्मचारी शिक्षक संयुक्त मोर्चा 27 नवंबर को सायं सभी जनपदों में मशाल जुलूस निकालकर मुख्यमंत्री एवं मुख्य सचिव को ज्ञापन देने की तैयारी कर रहा है। अगर प्रदेश सरकार 27 नवंबर तक मिल बैठकर कर्मचारियों की मांगों पर निर्णय नहीं करते हैं तो 9 दिसंबर से काम बंदी करने को बाध्य होना तय है। जिसका पूर्ण उत्तरदायित्व राज्य सरकार का होगा। यह बात बुधवार को संयुक्त मोर्चा के अध्यक्ष वी.पी. मिश्रा एवं महामंत्री शशि कुमार मिश्र ने चेतावनी भरे लहजे से सरकार को दी।

नई पेंशन प्रणाली में सेवानिवृत्ति बाद रोटी चलाना मुश्किल

श्री मिश्रा ने चिंता व्यक्त की है कि वेतन समिति की संस्तुतियों को 3 वर्ष से लागू नहीं किया है। कर्मचारियों के सातवें वेतन आयोग का पूरा लाभ नहीं मिल पा रहा है। पुरानी पेंशन को बहाल न करने से कर्मचारियों में रोष है। क्योंकि सेवानिवृत्ति के बाद उन्हें रोटी चलाना भी मुश्किल हो जाएगा। इससे देशभर का कर्मचारी एवं अधिकारी नाराज है। आउटसोर्सिंग-संविदा कर्मचारियों की सुरक्षा एवं न्यूनतम वेतन के लिए एक नीति नहीं बनाई जा रही है। ऐसे नौजवानों का भविष्य अंधकारमय है।

विभागों में कर्मचारी नहीं, सरकार दावा कर रही है नई भर्तियों का

उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार नियुक्तियां एवं पदोन्नति करने का दावा कर रही है, जबकि ज्यादातर बड़े विभागों की नियुक्तियां एवं पदोन्नति या लंबित पड़ी हैं। आउटसोर्सिंग से काम चला रहे हैं।  इप्सेफ के महासचिव प्रेमचंद्र ने प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर कहा है कि मोर्चा इप्सेफ का घटक है इसलिए उनके आंदोलन को पूरा समर्थन दिया है।

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