पीजीआई व केजीएमयू के शिक्षक दुनिया को दे रहे इलाज की दिशा
लखनऊ। संजयगांधी आयुर्विज्ञान संस्थान लखनऊ और केजीएमयू के चिकित्सक शिक्षक राजधानी या प्रदेश वासियों का इलाज ही नहीं करते हैं, बल्कि अपनी प्रतिभा से दुनिया भर के चिकित्सकों को विभीन्न सुपरस्पेशियलिटी इलाज की नवीनतम तकनीक भी उपलब्ध कराते हैं। कैलिफोर्निया की स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा दुनिया में सबसे बेहतर शोध करने वाले 2 प्रतिशत शोधकर्ताओं की सूची में इस वर्ष भी पीजीआइ लखनऊ के 13 और केजीएमयू के 6 शिक्षक शामिल हैं। अपने-अपने क्षेत्र में इन शोधकर्ताओं ने न केवल जनहित मे शोध किया बल्कि दुनिया कों को मार्ग दिखाया। शिक्षकों के प्रतिष्ठित उपलब्धि पर दोनों संस्थानों के कुलपति व निदेशक ने, खुशी हाजिर करते हुए बधाई व शुभकामनाएं दी।
पहला नाम, निदेशक डॉ.राधा कृष्ण धीमन का है
पीजीआइ की पीआरओ श्रीमती कुसुम यादव ने बताया कि उपलब्धि प्राप्त करने वालों में पहला नाम, निदेशक व विभागाध्यक्ष हेपोटालॉजी विभागाध्यक्ष डॉ.राधा कृष्ण धीमन का है, इसके अलावा वर्तमान सीएमएस एवं एंडोक्राइन सर्जरी के डॉ.गौरव अग्रवाल समेत कुल 13 शिक्षक शामिल हैं। इनमें से तीन शिक्षक संस्थान से सेवानिवृत्त भी हो चुके हैं। इसके अलावा केजीएमयू से 6 शिक्षकों ने अपनी प्रतिभा से सूची में नाम शामिल कराया। केजीएमयू के डॉ.सुधीर सिंह ने बताया कि न्यूरोलॉजी विभागाध्यक्ष प्रो.आरके गर्ग का नाम सबसे ऊपर है, इसके अलावा आर्थोपैडिक विभाग के डॉ.संतोष कुमार समेत आधा दर्जन शिक्षकों ने संस्थान का नाम रोशन किया।
पीजीआइ के शोधकर्ता – डॉ.आर के धीमन, रेडियोडायग्नोसिस के सेवानिवृत्त डॉ.राकेश कुमार गुप्ता, न्यूरोलॉजी के सेवानिवृत्त डॉ.यूके मिश्र,मेकिडकल जेनेटिक्स की डॉ.सरिता अग्रवाल, गैस्ट्रोसर्जरी के विभागध्यक्ष प्रो.यूसी घोषाल व डॉ.राकेश अग्रवाल, न्यूरोलॉज्ी में डॉ.जयंती कलिता, पीडियाट्रिक्स गैस्ट्रोएंटरोलॉजी के डॉ.उज्जवल पोद्दार, नेफ्रोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ.नारायण प्रसाद,मॉलिक्यूलर मेडिसिन के डॉ.आलोक कुमार और एंडोेक्रनोलॉजी के डॉ.रोहित सिन्हा …
केजीएमयू …
केजीएमयू के शोधकर्ता- न्यूरोलॉजी विभागाध्यक्ष प्रो.आर के गर्ग, पीडियाट्रिक विभागाध्यक्ष प्रो.शैली अवस्थी, माइक्रोबॉयोलॉजी पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ.यूसी चतुर्वेदी , वर्तमान विभागाध्यक्ष प्रो.अमिता जैन, मानसिक विभाग के डॉ.सुजीत कार और आर्थोपैडिक विभाग से डॉ.संतोष कुमार …