टीबी मुक्त भारत बनाने के लिए जागरूकता बहुत जरूरी :डॉ. वेदप्रकाश
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नवयुग कन्या महाविद्यालय में बोले वेद प्रकाश
लखनऊ। विश्व के 8 देश लगभग 2 तिहाई टीबी रोगियों के लिए जिम्मेदार है जिसमें भारत सबसे ऊपर है। हलांकि विश्व में टीबी इंसिडेंस 2 प्रतिशत दर से घट रहा है। जबकि 2025 तक टीबी मुक्त भारत का सपना साकार करने के लिए इस दर को 4 से 5 प्रतिशत ले जाने की आवश्यकता है। यह जानकारी सोमवार को केजीएमयू के पल्मोनरी एंड क्रिटिकल केयर यूनिट के विभागाध्यक्ष डॉ. वेद प्रकाश ने नवयुग कन्या महाविद्यालय में दी।
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टीबी मुक्त भारत बनाने को मेहनत करनी पड़ेगी
राजेन्द्र नगर स्थित नवयुग कन्या महाविद्यालय में डॉ.वेद ने कहा कि इस वर्ष डब्लूएचओ की वर्ल्ड टीबी डे की थीम थी द क्लॉक टिकिंग थी । इसका मतलब है कि समय हमारे हाथ से निकलता जा रहा है और अब सिर्फ कागजी कार्यवाही का समय नही है बल्कि हम सबको साथ मिलकर जमीनी कार्यवाही करके विश्व से टीबी खत्म करने की जरुरत है। भारत सरकार क्षय रोग के उन्मूलन के लिए प्राइवेट चिकित्सक एवं अस्पतालों को रोगी के उपचार और इस बीमारी की गंभीरता के प्रति जागरुक करने के लिये 500 रु प्रति माह 6 से 9 महीने के लिए दे रही है।
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बचाव–
टीबी के बैक्टीरिया श्वांस द्वारा शरीर में प्रवेश करते हैं और रोगी के खांसने, बात करने, छीकने, थूकने से दूसरे लोगों में इसका संक्रमण हो जाता है। इसलिए लोगों को सलाह दी जाती है कि मरीज के मुंह पर कपड़ा या मास्क रख जाय और होने वाले संक्रमण से बचा जाये।
फेफड़े की टीबी के लक्षण-
दो हफ्ते से ज्यादा तक खांसी का आना,बलगम आना,बलगम के साथ रक्त आना,सीने में दर्द,बुखार आना, •ाूख एवं वनज तेजी से कम होना।