एनपीएस और निजीकरण के खिलाफ भारत छोड़ पदयात्रा मे ऐतिहासिक भीड़
शिक्षक कर्मचारी संगठनों ने भरी हुंकार
लखनऊ । एनपीएस और निजीकरण के खिलाफ अटेवा के आवाहन पर प्रदेश के प्रत्येक जिला मुख्यालय पर NPS निजीकरण भारत छोड़ो पदयात्रा* बड़ी जोर शोर से किया गया। जिसमें तमाम शिक्षक कर्मचारी व अधिकारी संगठनों के लोगों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया ।सभी ने यदि एमपी एमएलए पुरानी पेंशन का हकदार है तो कर्मचारी क्यों नहीं ?
कर्मचारी संगठनों ने खुला समर्थन किया
अटेवा पेंशन बचाओ मंच उत्तर प्रदेश लगातार कई वर्षों से पुरानी पेंशन बहाली के लिए संघर्ष कर रहा है और धरना प्रदर्शन रैली और पदयात्रा के माध्यम से अपनी मांग को उठा रहा है आज की पदयात्रा में लोग अपने हाथों में तख्तियां लिए एनपीएस गो बैक, ओ पी एस कम बैक, निजीकरण मुर्दाबाद, पुरानी पेंशन बहाल करो शिक्षक कर्मचारी एकता जिंदाबाद के नारे के साथ हुजूम का हुजूम जिला मुख्यालय पर पहुंचता रहा। तमाम कर्मचारी संगठनों ने अटेवा के इस आवाहन का खुला समर्थन किया ।
लखनऊ की पेंशन शंखनाद रैली को ऐतिहासिक
लखनऊ में शहीद स्मारक गांधी भवन से शिक्षकों कर्मचारियों , विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी व सदस्यों नारे लगाते हुए पदयात्रा शुरू की, परिवहन ऑफिस होते हुए स्वास्थ्य निदेशालय, परिवर्तन चौक होते हुए बीएन सिंह की मूर्ति पर जाकर के सभी इकट्ठा हुए। कर्मचारी संगठनों ने पदयात्रा के साथ-साथ 21 नवंबर को लखनऊ इको गार्डन की रैली में मेरी भारी भागीदारी की संकल्पना दोहराई। और लखनऊ की पेंशन शंखनाद रैली को ऐतिहासिक बनाने के लिए जुट जाने का फैसला किया।
पुरानी पेंशन बहाली नहीं तो आगामी चुनाव में भुगतान सरकार को करना पड़ेगा
एनएमओपीएस के राष्ट्रीय अध्यक्ष अटेवा के प्रदेश अध्यक्ष विजय कुमार *बन्धु* ने हुंकार भरते हुए प्रदेश सरकार को आगाह किया की पुरानी पेंशन बहाली का निर्णय ले नहीं तो आगामी चुनाव में इसका भुगतान सरकार को करना पड़ेगा। यह पश्चिम बंगाल पुरानी पेंशन दे सकता है तो सरकार क्यों नहीं?? विजय बन्धु ने आगे कहा कि जहां NPS से शिक्षकों कर्मचारियों का भविष्य खराब हो रहा है वहीं निजीकरण से वर्तमान चौपट हो रहा है।
न्याय की लड़ाई है अधिकार की लड़ाई है
चिकित्सा स्वास्थ्य महासंघ के प्रधान महासचिव अशोक कुमार ने कहा कि अटेवा की लड़ाई न्याय की लड़ाई है अधिकार की लड़ाई है और जहां भी हक और हुकूक की बात आएगी हमारा पूरा समर्थन रहेगा। पीडब्ल्यूडी विभाग के वरिष्ठ कर्मचारी नेता भारत सिंह यादव ने कहा कि वक्त आ गया है कि पुरानी पेंशन को लेकर के आर पार की लड़ाई लड़नी होगी और उसकी पृष्ठभूमि अटेवा ने तैयार कर दी है सभी संगठनों को एक स्वर में उस दिशा में कदम बढ़ाना होगा। लुअक्टा के अध्यक्ष मनोज पांडे ने कहा कि यह सरकार तानाशाही पर उतर कर रोज सरकारी संस्थाओं को निजी हाथों में सौंपती जा रही है इससे रोजगार का संकट और बढ़ेगा, वक्त है सभी साथ खड़े हो चतुर्थ कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष रामराज दुबे ने कहा कि नेता 4–4 पेंशन लेते है कर्मचारियों को क्यों नहीं??
पदयात्रा में शामिल हुए
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य महासंघ, लैब टेक्नीशियन संघ, राजकीय ऑप्टोमेट्रिस्ट संघ, मिनिस्ट्रियल कर्मचारी संघ,डिप्लोमा फॉर्मासिस्ट संघ, राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद, लेखपाल संघ, राजकीय नर्सेज संघ, राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ, उ0प्र0 जल संस्थान कर्मचारी महासंघ, सिंचाई विभाग, नगर निगम,राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान,पी0जी0आई0, लखनऊ विश्वविद्यालय शिक्षक संघ, वाणिज्य कर समेत कई अन्य विभागों के कर्मचारियों व पदाधिकारियों ने उ0प्र0 सरकार से पुरानी पेंशन बहाल करने व निजीकरण समाप्त करने की मांग की। पदयात्रा में सुनील यादव, कमल किशोर श्रीवास्तव,सुरेश यादव, विक्रमादित्य मौर्य, रजत प्रकाश,डॉ0विनीत वर्मा,डॉ0राजेन्द्र वर्मा, शैलेन्द्र रावत,रविन्द्र वर्मा, सुनील वर्मा, डॉ0उमाशंकर, अर्जुन यादव, दूधनाथ, नरेंद्र यादव,हेमंत सिंह , संदीप बडोला, श्रवण सचान, जे0पी0तिवारी,राम लाल यादव, प्रदीप गंगवार,सीमा शुक्ल, यदुनंदिनी सिंह,सुरेंद्र पाल,संजय रावत, डॉ0दिवाकर यादव,भूपेंद्र सिंह,विवेक यादव, मनीषा गुरुंग, मंजू सिंह,राधा रानी शुक्ला,संजय रावत, हनुमान प्रसाद, सर्वेश पाटिल, महेंद्र श्रीवास्तव, जितेंद्र सिंह,कमल श्रीवास्तव, रेनू शुक्ला आदि ने भाग लिया।