चार किसानों की मौत के बाद भी खाद उपलब्ध कराने को सरकार नही चेत रही है: प्रियंका गांधी
खाद के लिए लाइन में लगे किसानों की मौत और आत्महत्या करने वाले किसानों के परिवार वालों को मिली प्रियंका गांधी
लखनऊ। प्रदेश सरकार की क्रूरता चरम पर है, चार किसानों की मौत के बावजूद पूरे बुंदेलखंड में खाद संबन्धी समस्या जस की तस बनी हुई है। यह बात कांग्रेस महासचिव श्रीमती प्रियंका गांधी ने शुक्रवार को ललितपुर के पाली गांव पहुंच कर पीड़ित किसान परिवारों से मिलने के बाद कही।
प्रियंका गांधी ने कहा कि बुन्देलखण्ड के किसानों की स्थिति चिंताजनक है। वहां के किसान अपने परिवार को पालने के लिए संघर्ष कर रहें हैं, उनकी समस्या सुनकर दिल दहल जा रहा है। किसान भागी पाल और महेश कुमार बुनकर खाद की लाइन में लगे थे। कई दिनों तक लाइन में लगे रहने के बावजूद उन्हें खाद नहीं मिली। लाइन में लगे-लगे उनकी हालत खराब हो गई और उनकी मृत्यु हो गई। किसान सोनी अहिरवार और बबलू पाल खाद न मिलने के चलते परेशान थे। उन्होंने आत्महत्या करके अपनी जान दे दी। सभी किसानों पर भारी-भरकम कर्ज है और फसल बबार्दी व मुआवजा न मिलने जैसी समस्याओं से वे परेशान थे।
गेहूं व धान का समर्थन मूल्य 2500 रुपए प्रति कुन्तल और गन्ना 400 रुपए प्रति कुन्तल
श्रीमती गांधी ने कहा कि लखीमपुर में किसानों को कुचलने वाले केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री अभी भी पद पर है। उन्होंने ने कहा कि जब कांग्रेस की सरकार बनेगी गेहूं व धान का समर्थन मूल्य 2500 रुपए प्रति कुन्तल और गन्ना 400 रुपए प्रति कुन्तल की दर से खरीद की जायेगी, किसानों का पूरा कर्जा माफ किया जायेगा। श्रीमती प्रियंका गांधी लौटते समय दतिया में मॉ पीताम्बरा शक्ति पीठ में माता के दरबार में माथा टेका और पूजा अर्चना की, उत्तर प्रदेश की खुशहाली के लिए कामना की।