उच्च सदन के लिए सपा ने घोषित किए 5 प्रत्याशी, नए उम्मीदवार भी
यूपी एमएलसी चुनाव के लिए सपा प्रत्याशियों का ऐलान, जानिए अखिलेश ने किसे कहां से उतारा

लखनऊ। यूपी में स्नातक और शिक्षक विधानपरिषद (एमएलसी) चुनाव के लिए प्रत्याशियों के ऐलान के मामले में अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी ने बाजी मार ली है। पांच सीटों के लिए प्रत्याशियों का गुरुवार को ऐलान कर दिया गया। शिक्षक एमएलसी के लिए दो और स्नातक एमएलसी के लिए तीन प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया गया। यूपी में कुल 11 सीटें खाली हो रही हैं। इन सीटों पर फरवरी में चुनाव संभावित है। वोटर लिस्ट पुनरीक्षण का कार्य शुरू हो चुका है।
कौन कहां से चलकर पहुंचेंगे विधान परिषद
सपा ने शिक्षक एमएलसी के लिए वाराणसी-मिर्जापुर से लाल बिहारी यादव को टिकट दिया है। लाल बिहारी यादव इस समय विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष भी हैं। इसी तरह गोरखपुर-फैजाबाद क्षेत्र से कमलेश यादव को मैदान में उतारा गया है। जो कि भोलाराम मस्करा इंटर कॉलेज सहजनवां के सहायक अध्यापक हैं। कमलेश यादव को प्रत्याशी घोषित कर सपा ने पीडीए का दांव खेला है। कमलेश यादव शिक्षक राजनीति में 10 साल से सक्रिय हैं और वर्तमान में वित्त विहीन शिक्षक संघ के प्रदेश सचिव हैं।
स्नातक एमएलसी के लिए इलाहाबाद-झांसी से डॉ. मान सिंह को उतारा गया है। वाराणसी-मिर्जापुर से आशुतोष सिन्हा को दोबारा मौका दिया गया है। लखनऊ से श्रीमति कांति सिंह को टिकट मिला है।

यूपी में स्नातक और शिक्षक एमएलसी चुनाव अगले साल फरवरी में संभावित है। इसके लिए वोटर लिस्ट का पुनरीक्षण 30 सितंबर से शुरू हो चुका है। स्नातक निर्वाचन क्षेत्र की पांच और शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र की छह एमएलसी सीटें खाली हो रही हैं। विधान परिषद में स्नातक निर्वाचन क्षेत्र की आठ व शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र की आठ सीटें हैं। जिन पांच स्नातक निर्वाचन क्षेत्रों से चुने गए एमएलसी का कार्यकाल पूरा होगा उनमें लखनऊ, मेरठ, आगरा, वाराणसी और इलाहाबाद-झांसी निर्वाचन क्षेत्र शामिल है। ऐसे ही छह शिक्षक निर्वाचन क्षेत्रों से चुने गए एमएलसी का कार्यकाल पूरा होगा, उनमें लखनऊ, मेरठ, आगरा, वाराणसी, बरेली-मुरादाबाद एवं गोरखपुर-फैजाबाद निर्वाचन क्षेत्र शामिल हैं।
पुनरीक्षण के लिए अर्हता की तारीख एक नवंबर 2025 तय की गई है। स्नातक निर्वाचन क्षेत्र की मतदाता सूची में उन्हीं लोगों को शामिल किया जाएगा, जिन्होंने इस अर्हता तिथि से कम से कम तीन वर्ष पूर्व किसी भी विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री हासिल की हो।
16 किलोमीटर की दूरी के अंदर बनेंगे मतदान केंद्र
शिक्षक निर्वाचन मतदाता सूची में उन्हीं लोगों का नाम शामिल किया जाएगा जो माध्यमिक स्कूलों में विगत छह वर्षों के भीतर शिक्षण कार्य में न्यूनतम तीन वर्ष की अवधि से कार्यरत हों। निर्वाचन आयोग के मानक के अनुसार अधिकतम 16 किलोमीटर की दूरी का पालन करते हुए मतदान केंद्र निर्धारित किए जाएंगे। मतदेय स्थलों का चयन इस प्रकार किया जाएगा जिससे मतदाताओं को कम से कम दूरी तय करनी पड़े।
अगर दोनों के ही मतदाता तो मतदान केंद्र एक
ऐसे लोग जो स्नातक व शिक्षण निर्वाचन क्षेत्र दोनों के मतदाता हैं तो उनका मतदान केंद्र एक ही जगह होगा। ऐसा नहीं किया जाएगा कि उन्हें अलग-अलग वोट डालना पड़े। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने सभी निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी एवं सहायक निर्वाचन रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वह मूलभूत सुविधाओं को ध्यान में रखकर ही मतदान केंद्र बनाएं।
किस सीट पर कौन-कौन से जिले
लखनऊ स्नातक व शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र में लखनऊ, हरदोई, खीरी, सीतापुर, बाराबंकी, रायबरेली व प्रतापगढ़ जिले शामिल हैं। ऐसे ही वाराणसी स्नातक व निर्वाचन क्षेत्र में बलिया, गाजीपुर, जौनपुर, वाराणसी, चंदौली, भदोही, मिर्जापुर व सोनभद्र जिले हैं। आगरा स्नातक व शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से आगरा, फिरोजाबाद, मथुरा, अलीगढ़, हाथरस, एटा, मैनपुरी, इटावा, कन्नौज, औरैया, फर्रुखाबाद एवं कासगंज जिले हैं। मेरठ स्नातक व शिक्षक स्नातक क्षेत्र में बुलंदशहर, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर, मेरठ, बागपत, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, शामली व हापुड़ जिले हैं।
इलाहाबाद-झांसी स्नातक व शिक्षक क्षेत्र में प्रयागराज, कौशांबी, फतेहपुर, बांदा, चित्रकूट, हमीरपुर, महोबा, जालौन, झांसी व ललितपुर जिले हैं। बरेली-मुरादाबाद शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र में बरेली, पीलीभीत, शाहजहांपुर, बदायूं, रामपुर, मुरादाबाद, अमरोहा, बिजनौर व संभल जिले हैं। गोरखपुर-फैजाबाद शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र में बहराइच, श्रावस्ती, गोंडा, बलरामपुर, बस्ती, सिद्धार्थनगर, संत कबीर नगर, गोरखपुर, महाराजगंज, देवरिया, कुशीनगर, आजमगढ़, मऊ, सुल्तानपुर, अयोध्या, अमेठी व अंबेडकरनगर जिले शामिल हैं।