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जाने क्या है “हिंदी” की विशेषता

✍️ 14 सितंबर=हिंदी दिवस पर विशेष✍️
अ आ इ ई उ ऊ ऋ ए ऐ ओ औ अं अ: क ख ग घ ड च छ ज झ ञ ट ठ ड ढ ण त थ द ध न प फ भ ब म य र ल व श ष स ह क्ष त्र ज्ञ.

✍️ हिंदी एक वैज्ञानिक भाषा है, और कोई भी अक्षर वैसा क्यूँ है उसके पीछे कुछ कारण है |
✍️ ✍️ ✍️
(1)अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ, अं, अ: को स्वर कहा गया है क्योंकि उनके बोलने में मुंह का बिना कोई भाग स्पर्श किए मुंह खुला खुला ही बोला जा सकता है और इनके बोलने में किसी दूसरे अक्षर का सहारा भी नहीं लिया जाता है!
(2)क, ख, ग, घ, ङ-
कंठव्य कहे गए हैं, क्योंकि इनके उच्चारण के समय ध्वनि कंठ से निकलती है। एक बार बोल कर देखिये।

(3)च, छ, ज, झ,ञ-
तालव्य कहे गए हैं, क्योंकि इनके उच्चारण के समय जीभ तालू से लगती है। एक बार बोल कर देखिये।

(4)ट, ठ, ड, ढ, ण-
मूर्धन्य कहे गए हैं, क्योंकि इनका उच्चारण जीभ के मूर्धा से लगने पर ही सम्भव है। एक बार बोल कर देखिये।

(5)त, थ, द, ध, न-
दंतीय कहे गए हैं, क्योंकि इनके उच्चारण के समय जीभ दांतों से लगती है। एक बार बोल कर देखिये।

(6)प, फ, ब, भ, म,-
ओष्ठ्य कहे गए हैं, क्योंकि इनका उच्चारण ओठों के मिलने पर ही होता है। एक बार बोल कर देखिये ।

इतनी वैज्ञानिक दुनियां की कोई भाषा नहीं है।

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