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होम्योपैथिक कॉलेज में प्रवेश में जरूरी नही नीट परीक्षा

इंटर पास अभ्यर्थियों को मिल सकता है होम्योपैथिक कॉलेज में प्रवेश

  • एसटीएफ की जांच में होगा स्पष्ट


लखनऊ। आयुष कॉलेजों की प्रवेश प्रक्रिया में फर्जीबाड़े के खुलासे के बाद होम्योपैथी कॉलेज के प्रबंधक और छात्र परेशान हैं। परेशानी का कारण काउंसिलिंग में हेराफेरी का होना है। बताया जाता है कि आठ छात्रों ने बिना मैरिट या बिना नीट उत्तीर्ण किए, होम्योपैथिक कॉलेजों में प्रवेश प्राप्त किया है। एसटीएफ जांच कर रही है। जबकि निजी होम्यौपैथी कॉलेजों को दिल्ली हाईकोर्ट का आदेश प्राप्त है कि कॉलेज में सीट रिक्त होने की दशा में नीट परीक्षा में कम रैंक वाले या इंटर उत्तीर्ण छात्रों को भी प्रवेश दिया जा सकता है। मगर, यह आदेश आयुर्वेद व यूनानी कॉलेजों पर लागू नहीं होता है।

-बिना नीट के छात्रों को प्रवेश देने के लिए है न्यायालय का आदेश

कहाँ कितने फसें है


प्रदेश में 6 होम्योपैथी मेडिकल कॉलेजों में कुल आठ छात्रों को काउंसिलिंग की गड़बड़ी में आरोपी पाया गया है। शासन ने उन सभी छह छात्रों को निलंबित कर दिया है। निलंबित होने वाले छात्रों में एक छात्रा समेत दो छात्र नेशनल होम्योपैथी कॉलेज लखनऊ के, केजीके होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज मुरादाबाद व वैक्शन होम्योपैथिक कॉलेज नोएडा में दो-दो छात्र शामिल हैं। इसके अलावा अलीगढ़ व गोरखपुर स्थिति राजकीय होम्योपैथिक कॉलेजों में एक-एक छात्र शामिल हैं। जबकि होम्योपैथिक कॉलेजों के पास अपने स्तर से छात्रों को प्रवेश देने संबंधी दिल्ली हाईकोर्ट का आदेश प्राप्त है।
हाईकोर्ट का आदेश

होम्योपैथिक कॉलेज की रिट पर दिल्ली हाईकोर्ट ने फरवरी 2022 में आदेश दिया था कि होम्योपैथिक कॉलेजों को छात्रों को शिक्षा प्रदान करने के लिए सीटें आवंटित की जाती हैं। इसलिए प्रवेश प्रक्रिया में मेधावी छात्रों के चयन में शासन द्वारा अनुमन्य नीट परीक्षा जारी रखी जाये,उक्त प्रक्रिया के बाद अगर कॉलेज में सीट रिक्त रह जाती है तो कॉलेज प्रशासन अपने स्तर से नीट में शामिल छात्रों को प्रवेश दे सकते हैं। फिर भी सभी सीटें न भर सकें तो विज्ञान संवर्ग से इंटरमीडियट उत्तीर्ण छात्र, जो नीट परीक्षा में न शामिल न हुये हो तो विशेष परिस्थिति में उन्हें भी प्रवेश दिया जा सकता है।

प्रवेश लेने के पूर्व और बाद में मेल द्वारा सूचित किया

आगरा में नैमिनाथ होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य प्रो.(डॉ.) प्रदीप कुमार गुप्ता का कहना है कि इस वर्ष प्रवेश लेने के पूर्व न्यायालय के आदेश का हवाला देते हुए, नेशनल कमीशन फॉर होम्योपैथी न्यू दिल्ली व महायोग गुरु गोरखनाथ आयुष यूनिवर्सिटी गोरखपुर को मेल द्वारा परवेक्षक भेजने का अनुरोध किया गया था, प्राप्त जानकारी के अनुसार पर्यवेक्षक नियुक्त किये गये थे मगर प्रवेश की काउंसिलिंग के दौरान उपस्थित नहीं थे।

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