पीजीआई से निकलकर देवदूत बनेंगे : रामनाथ कोविन्द
पीजीआई का 26 वां दीक्षांत समारोह संपन्न
पीजीआई का 26 वां दीक्षांत समारोह संपन्न
लखनऊ। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में विशेषज्ञता उत्तीर्ण होने वाले और विशिष्ट पुरस्कार प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों का उत्साह वर्धन करते हुए कहाकि विश्वस्तरीय संस्थान केवल बिल्डिंग और संरचना से नहीं बनता, अपितु वहां के वैज्ञानिकों और शोधकतार्ओं के निरंतर समर्पित प्रयास से ही किसी संस्थान को ख्याति प्राप्त होती हैं। समारोह में कुल 119 विद्यार्थियों को शैक्षणिक उपाधियां प्रदान की गई।
बड़ा मुकाम हासिल करने वाले चिकित्सकों से आशा है कि अपने ज्ञान का प्रयोग देवदूत बनकर
दीप प्रज्जवल व सरस्वती वंदना के साथ श्रुति सभागार में राष्ट्रपति श्री कोविंद, शुक्रवार को संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान लखनऊ के 26 वें दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहें थे। उन्होंने संस्थान के 3 मूलभूत स्तंभों- शोध, शिक्षण और रोगी सेवा पर विशेष बल दिया। कहा की कोविड-19 से लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है। सामाजिक दूरी और मास्क के द्वारा व सतत टीकाकरण कार्यक्रम के द्वारा ही हम इस महामारी पर विजय प्राप्त कर पाएंगे। उन्होने कहा कि कोविड के खिलाफ टीकाकरण के क्षेत्र में हम विश्व में सबसे बड़े देश के रूप में उभरे हैं, जहां 61 करोड़ लोगों का टीकाकरण हो चुका है। केवल उत्तर प्रदेश में ही 6 करोड़ 70 लाख लोगों को टीका लगाया गया है। रामनाथ कोविंद ने अत्यंत प्रेरणास्पद शब्दों में कहा कि आज जिन भी विद्यार्थियो ने अपने जीवन का एक बहुत बड़ा मुकाम हासिल किया है, उनसे आशा है कि अपने ज्ञान का प्रयोग रोगियों को रोगमुक्त करने हेतु करेंगे, जहां उनका स्थान एक देवदूत का होगा। शिक्षा समेत अधिकांश क्षेत्रों में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी की प्रशंसा की।
मानवीय संवेदनाओं को डॉक्टर आत्मसात करें : आनन्दी बेन
दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता प्रदेश की राज्यपाल व संस्थान की कुलाध्यक्ष श्रीमती आनंदी बेन पटेल कर रही थी, उन्होंने अपने उत्साहवर्धक शब्दों से उपस्थित उपाधि धारको और विद्यार्थियों का उत्साह वर्धन किया । कहा कि आप सभी मानवीय संवेदनाओं को स्वयं में समाहित करें, क्योंकि यही भाव उन्हें सामाजिक दायित्व का बोध कराएगा। उन्होंने रोगी और चिकित्सक के बीच पारस्परिक संवाद को प्राथमिकता दी और कहा कि अपने ज्ञान और शिक्षा से अपने शहर,अपने राज्य, देश, विश्व और सबसे ऊपर मानव जीवन को लाभन्वित करना ही हमारा दायित्व होना चाहिए। विशिष्ट अतिथि, चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना ने भी विशेषज्ञ बनने वाले चिकित्सकों से समाजहित में बेहतर सेवाएं देने की अपेक्षा की। प्राविधिक शिक्षा व वित्त राज्य मंत्री संदीप सिंह एवं उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव एवं संस्थान के अध्यक्ष राजेंद्र कुमार तिवारी भी मंच पर विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद रहें। संस्थान के निदेशक डॉ.आर के धीमन ने संस्थान की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए कहा कि कोविड की दो लहरों की विभीषिका को सभी के सहयोग से निपटने में सफल हुए है। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही एयर एंबुलेंस की सुविधा की सुविधा के साथ ही इमरजेंसी मेडिसिन विभाग व गुर्दा प्रत्यारोपण केन्द्र शुरु हो जायेगा। इसके अलावा मधुमेह मरीजों के लिए एडवांस डायबिटिक सेंटर का निर्माण शुरु हो जायेगा, भविष्य में एक ही छत के नीचे डायबिटिज मरीजों को समस्त इलाज मिलेगा। इसके अलावा लिवर प्रत्यारोपण की सुविधा बढ़ाने के लिए हेपेटालॉजी विभाग शुरु हो चुका है। उन्होंने बताया कि आगामी एक सितंबर से संस्थान का कार्यालय, ई-कार्यालय हो जायेगा। काजग रहित फाइलों का त्वरित निस्तारण शुरु होगा। समारोह का समापन डी एम,एमसीएच, पीएचडी, एमडी, पीडीएएफ,एम एच ए और बी एस सी नर्सिंग के विद्यार्थियों को उपाधि वितरण के साथ हुआ। सबसे अंत में राष्ट्रगान के साथ दीक्षांत समारोह संपन्न हुआ।
119 विद्यार्थियों को मिली उपाधियां
समारोह में कुल 119 विद्यार्थियों को शैक्षणिक उपाधियां प्रदान की गई। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने चार पुरुस्कार प्रदान किये। पहला पुरुस्कार, स्तन कैंसर के क्षेत्र में सर्वोत्कृष्ट शोध के लिए एंडोक्राइन सर्जरी के प्रोफेसर गौरव अग्रवाल को , प्रोफेसर एस आर नायक पुरस्कार से सम्मानित किया गया। एंडोक्राइनॅलाजी विभाग के संगम रजक को इस वर्ष का प्रोफेसर एस एस अग्रवाल पुरस्कार प्रदान किया गया। डीएम इम्यूनोलॉजी में राष्ट्रपति ने डॉ. पंक्ति मेहता और एमसीएच यूरोलॉजी में डॉ. सितागशु काकोटी को प्रोफेसर आर के शर्मा पुरस्कार से सम्मानित किया गया।