जनता की उम्मीदों और राजनैतिक जिज्ञासा को लेकर, नीरज बोरा से सीधे सवाल…
लखनऊ। योग्यता में कुशल चिकित्सक और पेशे से कुशल राजनीतिज्ञ, वर्तमान विधायक डॉ.नीरज बोरा, एक बार फिर विधानसभा-2022 के चुनाव में जनता के बीच में हैं। क्षेत्र में हैसियतदार , खासा रसूख रखने वाले नीरज बोरा लखनऊ में उत्तर विधानसभा क्षेत्र में एक बार फिर जनता से घर-घर संपर्क कर रहें हैं। मतदाताओं में नीरज बोरा की स्वीकार्यता को परखने के लिए लोकविकास प्रतिनिधि ने क्षेत्रीय जनसंपर्क के दौरान नीरज बोरा के साथ कई घंटे व्यतीत किये, और महसूस किया कि डॉ. बोरा को जनसंपर्क के दौरान सबसे बड़ी समस्या, मिलने वाले सम्मान से बाहर आने की है। क्षेत्र में सीतापुर रोड पर मल्टीस्पेशियलिटी सेवा अस्पताल स्थापित करने वाले डॉ.नीरज बोरा को मुहल्लों में अपार प्रेम और समर्थन मिल रहा है। उनकी इस व्यस्त दिन चर्या में जनता की उम्मीदों और राजनैतिक जिज्ञासा को लेकर, नीरज बोरा से सीधे सवाल किये, जिनका उन्होंने बड़ी ही बेकाकी और स्पष्टता से जबाव दिया, पेश है सवाल-जवाब —-
प्रश्न :- पिछले पांच वर्षों में आपकी प्राथमिकताएं क्या थीं और क्या आपको लगता है कि आप उन्हें हासिल करने में सफल रहे? साथ ही अगर आप दोबारा जीत जाते हैं तो अगले पांच साल में आपकी प्राथमिकताएं क्या होंगी?
डॉ. बोरा : अपने कार्यकाल के दौरान जनता को मूलभूत सुविधाएं जैसे- बिजली, पानी, सीवर, सड़़क, आवास और चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराना प्राथमिकता रही है। लखनऊ उत्तर क्षेत्र के कई वार्ड अर्द्धशहरी हैं तथा सरकारी रिकार्ड में अनियोजित कालोनी के रूप में जाने जाते हैं। हमने इन चुनौतियों का सामना करते हुए भारी संख्या में सड़़क, नाली बनवाई है। घरों को निःशुल्क सीवर से जोड़ा गया है। तकरीबन 19 करोड़़ की लागत से अभिषेकपुरम-जानकीपुरम पेयजल योजना पूरी हुई है, जिससे हजारों परिवार आच्छादित हुए। सैकड़ों समरसिबल लगवाए। अमृत योजना के अंतर्गत पेयजल की बड़ी योजनाएं तैयार करवायी है। राजधानी की आबादी को पेयजल संकट से उबारने की दूरगामी योजना के तहत मैंने नये वाटर वर्क्स के निर्माण का प्रस्ताव विधान सभा में रखा है। सैकड़ों परिवार को आवास उपलब्ध कराये गये हैं, वहीं घर बनाने के लिए लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत ढाई लाख का अनुदान दिलाया गया है। क्षेत्र में नये बिजली घर बने, बांस-बल्ली के स्थान पर विद्युत पोल लगे वहीं बिजली को अंडरग्राउंड करने की योजना भी चल रही है। ठाकुरगंज व अलीगंज के अस्पतालों में नये आक्सीजन प्लांट और चिकित्सा सुविधाओं को उच्चीकृत कराया। जानकीपुरम में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में नये वार्ड व प्रसव कक्ष बनवाये। फैजुल्लागंज क्षेत्र में 100 बेड का अस्पताल स्वीकृत कराया। आईआईएम से शहीद पथ को जोड़़ने वाले ग्रीन कारिडोर परियोजना के मूल में हमारा संघर्ष रहा है, जिसमें गोमती बांध के लिए विधान सभा कार्य संचालन नियमावली के सुसंगत प्रावधानों के अन्तर्गत अनेक बार सदन का ध्यान आकृष्ट कराया। गऊघाट और फैजुल्लागंज को जोड़ने के लिए पीपा पुल के स्थान पर पक्का पुल बनाने की पूरी तैयारी हो चुकी है। विकास की अनेक योजनाएं पाइपलाइन में हैं। कोविड महामारी के कारण कार्य प्रभावित हुए। पुनः अवसर मिलने पर अधूरे कार्यों को पूरा कराने, ट्रैफिक जाम की समस्या दूर कराने, शिक्षा एवं स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाने के साथ-साथ लोगों को रोजगार से जोड़ने की पहल ही सर्वोच्च प्राथमिकता होगी।
प्रश्न :- आपके विधानसभा क्षेत्र में काफी लोगों ने नागरिक सुविधा से जुड़े मुद्दों के बारे में शिकायत की जो सीधे तौर पर तो नगर निगम से जुड़े थे। फिर भी विधायक के रूप में जनता की अपेक्षाओं को पूर्ण कराने की जिम्मेदारी आप पर भी है। आपने इस दिशा में क्या किया?
डॉ. बोरा: –यह सच है कि विभिन्न नागरिक सुविधाओं का विकास नगर निगम की जिम्मेदारी है किन्तु एक जनप्रतिनिधि के रूप में यह हमारी भी नैतिक जिम्मेदारी बनती है। विभिन्न विभागों द्वारा विकास कार्य में जो इस प्रकार की अड़चनें आयीं उसमें समन्वयक के रूप में दूर कराने का पूरा प्रयास किया है। दशकों से लम्बित एक ऐसे मामले का उल्लेख करना आवश्यक समझता हूं जो विभागों की आपसी खींचतान से पूरा नहीं हो रहा था। मल्लाही टोला वार्ड की कैटिल कालोनी बांध व सम्पर्क मार्ग बनाने में अवरोध उत्पन्न कर रही थी। कालोनी को अन्यत्र विस्थापित कर जमीन खाली कराने का दायित्व एलडीए का था और बांध बनाने की जिम्मेदारी सिंचाई विभाग की। अनेक दौर की बैठकों, विधान सभा में मेरी लगातार पैरवी से यह मामला हल हो पाया। अधूरा बांध बनने से एक ओर जहां लोगों की राह सुगम होगी वहीं चौक व ठाकुरगंज वाली सड़क का ट्रैफिक कम होगा। इसी प्रकार विधायक निर्वाचित होते ही वर्ष 2017 में हमने विधान सभा में क्षेत्रीय विकास से जुड़े अनेक प्रश्न उठाये। सरकार की ओर से उत्तर मिला कि अनियोजित कालोनियों में विकास की सीधी जवाबदेही नहीं है। बावजूद इसके जनहित के मुद्दों को लेकर माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, लखनऊ के सांसद व भारत सरकार के यशस्वी रक्षामंत्री से निरन्तर मिलता रहा हूं। उनकी कृपा से हमने इन अनियोजित क्षेत्रों में अभूतपूर्व कार्य कराये हैं। पीपा पुल के स्थान पर पक्के पुल की बात आयी तो सरकार ने कहा कि एक निर्धारित दूरी पर ही पुल बन सकता है। मैंने कहा कि मामला यदि व्यापक जनहित से जुड़ा हो तो नियमों को शिथिल करने की परम्परा भी रही है।
प्रश्न :- लोगों की शिकायत है कि पिछले पांच वर्ष में आपके क्षेत्र में नया सरकारी डिग्री कॉलेज नहीं बनाया गया, सरकारी स्कूलों की हालत खराब है, सरकारी अस्पतालों में डाक्टर नहीं हैं। इस पर आप क्या कहना चाहेंगे?
डॉ. बोरा: – यह शिकायतें पूरी तरह सही नही हैं। हमने विधान सभा में नये विद्यालय की मांग उठाई थी। नये कालेज हेतु शहरी क्षेत्र में जमीन की व्यवस्था करना चुनौती है। मेरे सामने यह विकल्प था कि यदि नये कालेज में बाधा आ रही है तो पुराने कालेज को उच्चीकृत किया जाय। पूर्व प्रधानमंत्री अटल विहारी बाजपेयी द्वारा स्थापित अलीगंज के नेताजी सुभाषचन्द्र बोस राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में मेरे प्रयासों से नया पीजी ब्लाक बना। तकरीबन तीन करोड़ पैंसठ लाख रुपये की लागत से बने इस नये पीजी ब्लाक के कारण बालिकाओं की शिक्षा हेतु सुविधा हुई है। इसी प्रकार सरकारी प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालयों की चाहरदीवारी बनवाना, बच्चों के लिए फर्नीचर, पेयजल सुविधायें उपलब्ध कराने के साथ ही विद्यालयों में पौधारोपण का कार्य भी कराया गया है। मेरे विशेष प्रयासों से क्षेत्र के स्वास्थ्य केन्द्रों में भी सुविधायें बढ़ाई गई हैं। रही बात सरकारी अस्पतालों की, तो वहां चिकित्सकों की कमी पाई जा रही है किन्तु आने वाले दिनों में नहीं होगी क्योंकि योगी सरकार में नये मेडिकल कालेज बने हैं और चिकित्सकों की नई फौज तैयार हो रही है। सुरक्षा व्यवस्था पहले से बेहतर हुई है। लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट और उसके अधिकारी कानून व्यवस्था की चुनौतियों को सख्ती से निबटा रहे हैं। हमें विश्वास है कि 10 मार्च से आरम्भ होने वाला योगी सरकार का दूसरा कार्यकाल सारी शिकायतों का निस्तारण करते हुए उत्तर प्रदेश के सर्वांगीण विकास का नवीन मार्ग प्रशस्त करेगा।
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