पेशाब संबन्धी लक्षण प्रतीत होने पर नीम हकीम नहीं, विशेषज्ञ से के परामर्श : डॉ.नारायण प्रसाद
विश्व किडनी जागरूकता दिवस संपन्न
लखनऊ। पेशाब संबन्धी कोई लक्षण होने पर विशेषज्ञ चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिये, नीम हकीम के झांसे में नही आना चाहिए। अन्यथा बीमारी को गंभीर कर परेशानी खड़ी कर लेंगे। यह बात गुरुवार को विश्व किडनी दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान के नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ.नारायण प्रसाद ने कही।
किडनी स्वस्थ्य रखने का तरीका बताएगी पुस्तिका
संजय गांधी पीजीआई में आयोजित जागरूकता कार्यक्रम में डॉ.नारायण प्रसाद ने बताया कि उनके विभाग में 20 से 30 फीसदी मरीज ऐसे आते है नीम हकीम शर्तिया इलाज के चक्कर में पड़ कर किडनी को और खराब कर लेते है। प्रो. धर्मेंद्र भदौरिया ने कहा, किडनी खराबी की स्थिति में जिसमें सीरएम क्रिएटनिन बहुत अधिक बढ़ गया, ऐसी स्थिति में चार से पांच दिन का इंतजार किडनी सहित शरीर के दूसरे अंगों को प्रभावित कर देता है। कुछ लोग किडनी की बीमारी से इन इलाजों से ठीक हो जाते है उनमें किडनी की ऐसी बीमारी होती है जो सामान्य दवा से ठीक हो जाता है लेकिन क्रॉनिक किडनी डिजीजी(सीकेडी) की स्थित में इससे इलाज संभव नहीं है।
स्टेरायड से शुरू में कुछ फायदा होता है लेकिन बाद यह नुकसान करने लगता है किडनी में
विभाग के डा. बृजेश यादव ने बताया कि शर्तिया इलाज दोने वाले स्टेरायड से मिलता जुलता प्राकृतिक स्टेरायड और एंटी आक्सीडेंट देते जिससे शुरू में कुछ फायदा होता है लेकिन बाद यह नुकसान करने लगता है किडनी में फाइब्रोसिस होने लगती है। इस मौके पर निदेशक प्रो. आरके धीमन ने सभी के लिए गुर्दा स्वस्थ्य पुस्तिका का विमोचन किया जिसमें किडनी से बचाव की जानकारी हिंदी में सरल भाषा में दी गयी है। किडनी को स्वस्थ्य रखने के लिए कोशिश करें। संस्थान के रेडियोथिरेपी विभाग के प्रो. नीरज रस्तोगी, पैथोलाजिस्ट प्रो. मनोज जैन , एसोसिएशन आफ पैथोलाजिस्ट के डा. पीके गुप्ता ने जागरूकता अभियान में भाग लिया। पोस्टर प्रतियोगिता में शामिल प्रतिभागियों को सम्मानित किया गया।